केंद्र सरकार को ललन सिंह ने लोकसभा में घेरा, बोले- सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग ना करें सरकार

  • छपरा शराबकांड मे मानवाधिकार आयोग की दखलअंदाजी से भड़के ललन सिंह, कहा- गुजरात के मोरबा में पुल हादसे में क्यों चुप रहा आयोग

पटना। बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से 70 से अधिक लोगों की मौत के बाद विपक्ष हमलावर है। बिहार विधानसभा सत्र के दौरान भी यह मामला छाया रहा। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इसे लेकर नीतीश सरकार का घेराव किया।अब इसकी गूंज लोकसभा में भी सुनाई दे रही है। मुंगेर के जेडीयू सांसद ललन सिंह ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा छपरा शराब कांड की जांच को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। संसद में ललन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को यह सूचना दी है कि छपरा में जहरीली शराब से जो मौतें हुई है उसकी जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग करेगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा छपरा शराबकांड की जांच को लेकर ललन सिंह का कहना है कि इन संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। संसद में ललन सिंह ने कहा कि छपरा शराबकांड राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का मामला कहां से आ गया? यदि छपरा शराबकांड की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कर रही है तो कर्नाटक की जांच क्यों नहीं करते। 29 अक्टूबर को गुजरात के मोरबा में पुल गिरने से 142 लोगों की मौतें हुई थी उसकी जांच भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्यों नहीं कर रहा। दरअसल छपरा में जहरीली शराब से जो मौतें हुई है उसकी जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग कर रहा है। दिल्ली नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन की जांच टीम पटना पहुंची हैं, जहां से सड़क मार्ग के रास्ते छपरा के सारण जिले के लिए रवाना हो गई हो गई है। जहां वह पिछले दिनों हुए शराब से हुई मौतों की जांच करेगी। जिसके बाद इस पूरे मामले पर एनएचआरसी की टीम ज़हरीली शराब से मौत हुई मामले की पूरी तहकीकात कर केंद्र को अपना रिपोर्ट सौंपेगी।

वही छपरा में जहरीली शराबकांड के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी नोटिस और बिहार में टीम भेज कर जांच की बात पर कांग्रेस ने भी आयोग की गतिविधियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि हमें किसी भी जांच एजेंसी की जांच से दिक्कत नहीं है, लेकिन एनएचआरसी का काम है मानवाधिकार के उल्लंघन की जांच करना। क्या छपरा में जहरीली शराब पीने से हुई मौत मानव के अधिकार का उल्लंघन है? आखिर आयोग की टीम यहां आकर किस बात की जांच करेगी।

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