होली मिलन समारोह में रविशंकर प्रसाद के पैर छूने बढे नीतीश, सांसद में मामला संभाला, गले लगाया

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर अपने व्यवहार और आचरण को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में पटना में आयोजित एक होली मिलन समारोह में उन्होंने जो किया, वह एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पटना साहिब से भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पैर छूने का प्रयास किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद ने अपने आवास पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने करीबी नेताओं संजय झा और मंत्री विजय चौधरी.के साथ इस समारोह में पहुंचे। कार्यक्रम स्थल पर रविशंकर प्रसाद ने मुख्यमंत्री का गेट पर स्वागत किया और उनके साथ पंडाल तक आए। इसी बीच जब सभी नेता आपस में बातचीत कर रहे थे, तभी अचानक नीतीश कुमार झुककर रविशंकर प्रसाद के पैर छूने लगे। उनके दोनों हाथ उनके पैरों की ओर बढ़ रहे थे कि रविशंकर प्रसाद ने तुरंत उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया और मुस्कुराते हुए बातचीत जारी रखी। इस दौरान वहां मौजूद नेता और कार्यकर्ता कुछ क्षणों के लिए हैरान रह गए, लेकिन जब रविशंकर प्रसाद ने सहजता से स्थिति संभाली तो माहौल सामान्य हो गया।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह आदत पहले भी कई बार सार्वजनिक रूप से देखी जा चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छुए थे, जो उस समय राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया था। इसके अलावा जेडीयू की एक बैठक के दौरान उन्होंने अपने ही पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह के पैर छू लिए थे। ऐसे कई मौके आ चुके हैं, जब नीतीश कुमार ने वरिष्ठ नेताओं या अन्य व्यक्तियों के प्रति इसी तरह आदर प्रकट किया है। हालांकि, उनके इस व्यवहार को राजनीतिक रूप से अलग-अलग दृष्टिकोणों से देखा जाता है। नीतीश कुमार के इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं। कुछ लोग इसे भारतीय संस्कृति में बुजुर्गों और वरिष्ठों के प्रति सम्मान की भाव के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। विपक्षी दल इसे नीतीश कुमार की अस्थिर राजनीतिक सोच का प्रतीक मानते हैं और उनकी छवि को लेकर तंज कसते हैं। वहीं, जेडीयू के समर्थक इसे उनकी विनम्रता और बड़ों का सम्मान करने की परंपरा के रूप में पेश कर रहे हैं। सामान्य जनता के बीच भी इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाए आ रही हैं। कुछ लोग इसे नेताओं के बीच आपसी सम्मान के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला कदम मान रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है और लोग इस पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हरकत एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है। राजनीति में पैर छूने जैसी परंपराएँ आमतौर पर गुरु-शिष्य या वरिष्ठ-अनुयायी के संबंधों में देखी जाती हैं, लेकिन जब यह व्यवहार शीर्ष नेताओं के बीच होता है, तो इसके राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जाते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस घटना का बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसके पीछे नीतीश कुमार की क्या मंशा थी।

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