सदन में दिखी नीतीश-तेजस्वी की जुगलबंदी, नेता प्रतिपक्ष ने कपड़ों की तारीफ की, मुस्कुराकर सीएम ने दिया जवाब

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन, सदन में जहां विपक्ष के विधायकों ने कई मुद्दों पर हंगामा किया, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच एक दिलचस्प जुगलबंदी देखने को मिली। यह घटना उस समय हुई जब हंगामे और राजनीतिक खींचतान के बीच विधानसभा का माहौल कुछ समय के लिए हल्का और खुशनुमा हो गया। बुधवार को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में पहुंचे, तो तेजस्वी यादव पहले से ही वहां मौजूद थे। नीतीश के आने पर तेजस्वी ने उनका गर्मजोशी से अभिवादन किया। इसके बाद तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के कपड़ों की तारीफ की। यह तारीफ मजाकिया अंदाज में थी, जिससे दोनों नेता मुस्कुराने लगे। सदन में उपस्थित अन्य सदस्य भी इस हल्के-फुल्के पल को देखकर मुस्कुराए बिना नहीं रह सके। बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और बुधवार को इसका तीसरा दिन था। हालांकि, सदन में कई मुद्दों पर तीखी बहस और हंगामा हुआ। मुख्य रूप से वक्फ संशोधन बिल और जल संसाधन विभाग से जुड़े सवालों पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष के विधायकों ने इन मुद्दों पर जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रश्न उत्तर काल के दौरान तेजस्वी यादव ने जल संसाधन विभाग से जुड़े मुद्दे पर सवाल किया। मंत्री जवाब देने के लिए खड़े हुए, लेकिन इससे पहले तेजस्वी ने कुछ अतिरिक्त सवाल पूछकर सरकार को घेरने की कोशिश की। हालांकि, राजनीतिक गरमागरमी के बीच तेजस्वी और नीतीश के बीच हुए अनौपचारिक संवाद ने सदन का माहौल हल्का कर दिया। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच यह जुगलबंदी केवल एक अनौपचारिक संवाद नहीं है; यह बिहार की मौजूदा राजनीति में एक नई दिशा की ओर इशारा करती है। इस तरह की जुगलबंदी न केवल उनके व्यक्तिगत रिश्ते को दिखाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि राजनीति में मतभेदों के बावजूद व्यक्तिगत स्तर पर सौहार्द बनाए रखा जा सकता है। नीतीश और तेजस्वी के बीच इस प्रकार की बातचीत से सदन में सकारात्मक माहौल बनने की उम्मीद की जा सकती है, जहां विकास और जनहित के मुद्दों पर गंभीर चर्चा हो सके। हालांकि, सत्र का बड़ा हिस्सा विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। साथ ही, जल संसाधन विभाग से जुड़े सवालों पर भी विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा, जिससे कई महत्वपूर्ण विधेयकों और चर्चाओं पर प्रभाव पड़ा। यह घटना बिहार की राजनीति का एक ऐसा दृश्य प्रस्तुत करती है, जहां एक ओर विपक्ष अपनी भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार के प्रमुख नेता और विपक्ष के नेता के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद राजनीतिक मतभेदों के बावजूद लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक सकारात्मक पहलू उजागर करते हैं। सदन में नीतीश-तेजस्वी की यह जुगलबंदी बिहार की राजनीति में एक संदेश देती है कि लोकतंत्र में संवाद और सहयोग की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, जब दोनों नेता सदन में एक दूसरे के प्रति सम्मान दिखाते हैं, तो यह जनप्रतिनिधियों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन कई घटनाओं का गवाह बना। एक ओर विपक्ष ने अपने सवालों और हंगामे से सरकार को घेरने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई अनौपचारिक जुगलबंदी ने सदन का माहौल हल्का कर दिया। यह घटना बिहार की राजनीति में एक नई दिशा की संभावना को दर्शाती है, जहां मतभेदों के बावजूद संवाद और सहयोग का मार्ग अपनाया जा सकता है।

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