लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर सीएम नीतीश ने किया नमन, सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
पटना। बिहार और पूरे देश में शनिवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। बिहार की राजधानी पटना में इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकनायक जेपी को नमन करते हुए उन्हें महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर समाजवादी नेता और सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता बताया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की और उनके विचारों को आज के समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का श्रद्धांजलि संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर समाजवादी नेता, सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता एवं भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन।” उन्होंने कहा कि जेपी ने लोकतंत्र में अटूट विश्वास रखते हुए अन्याय के विरुद्ध समाज को एकजुट किया और उनके विचार आज भी एक समतामूलक और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की प्रेरणा देते हैं। नीतीश कुमार ने अपने संदेश में जेपी के उस ऐतिहासिक आंदोलन का भी जिक्र किया जिसने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण न केवल स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे, बल्कि आज़ादी के बाद देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना में भी उनका योगदान अमूल्य रहा।
सम्पूर्ण क्रांति का प्रतीक बना जेपी का आंदोलन
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि जेपी का सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन भारतीय राजनीति के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। यह आंदोलन 1970 के दशक में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ उठी एक जनलहर थी, जिसने युवाओं, छात्रों और आम जनता को एकजुट किया। इस आंदोलन ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरे देश में नई चेतना का संचार किया और यह साबित किया कि जनता ही लोकतंत्र की असली शक्ति है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण का यह आंदोलन सत्ता के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यवस्था में सुधार के लिए था। उन्होंने हमेशा यह कहा कि सम्पूर्ण क्रांति का अर्थ केवल राजनीतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि समाज, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और नैतिक मूल्यों में व्यापक सुधार है।
बिहार में श्रद्धांजलि कार्यक्रम और आयोजन
जयप्रकाश नारायण की जयंती पर बिहार के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए गए। पटना के लोकनायक भवन, जेपी गोलंबर और जेपी विश्वविद्यालय सहित कई स्थलों पर लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं की ओर से संगोष्ठी और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिनमें उनके जीवन, विचारों और आंदोलनों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा बिहार सरकार के कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि दी। सभी ने उन्हें लोकतंत्र के सच्चे रक्षक और सामाजिक न्याय के अग्रदूत के रूप में याद किया।
जयप्रकाश नारायण का जीवन और योगदान
लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्राप्त की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका के विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय गए। वहां उन्होंने समाजशास्त्र और राजनीति शास्त्र का अध्ययन किया। देश लौटने के बाद वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल हुए और महात्मा गांधी के विचारों से गहराई से प्रभावित हुए। उन्होंने जीवनभर समाजवाद और जनहित की राजनीति को अपनाया। स्वतंत्रता के बाद भी वे सत्ता की राजनीति से दूर रहे और जनआंदोलनों के माध्यम से समाज में सुधार लाने का प्रयास करते रहे। 1970 के दशक में जब देश में आपातकाल लागू हुआ, तब लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनांदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को एकजुट कर सत्ता के दमन के खिलाफ आवाज उठाई। यही आंदोलन आगे चलकर सम्पूर्ण क्रांति के रूप में जाना गया, जिसने भारतीय राजनीति की दिशा और दशा दोनों को बदल दिया।
जेपी के विचारों की आज भी प्रासंगिकता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि जयप्रकाश नारायण के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। आज जब समाज में आर्थिक असमानता, सामाजिक विभाजन और राजनीतिक ध्रुवीकरण जैसी चुनौतियां मौजूद हैं, तब जेपी के विचारों से प्रेरणा लेना आवश्यक है। नीतीश कुमार ने राज्यवासियों से आह्वान किया कि वे लोकनायक के आदर्शों पर चलें और समाज में समानता, एकता और न्याय की भावना को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि यह नागरिकों की भागीदारी और उनके अधिकारों के सम्मान पर आधारित व्यवस्था है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जीवन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का उज्जवल अध्याय है। उन्होंने समाज में परिवर्तन और न्याय की स्थापना के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पूरे बिहार ने इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। आज भी जेपी के सिद्धांत लोकतंत्र की आत्मा को जीवंत रखते हैं और आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा दिखाते रहेंगे।


