निर्दयी मां ने नवजात बच्ची को जन्म के बाद बस स्टैंड के नाले के पास फेंक दिया….

पटना/ कैमूर।(अजित कुमार)एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को तेज गति से धार देने में लगे हैं, बेटियों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने को प्रयासरत हैं, वही समाज के कुछ ओछी मानसिकता वाले लोगों के कारण बेटियां आज भी समाज का तिरस्कार झेल रही हैं, और सरकार का बेटी बचाओ अभियान दम तोड़ रहा है। घटना रामगढ़ थाना क्षेत्र के रोहिया गांव का है जहां रात्रि में नवजात बच्ची को अज्ञात महिला लाल गमछे में लपेटकर बस स्टैंड के नाले के पास फेंक कर अंधेरे में गुम हो गये । जिन नन्हीं बेटियों को दुनिया में आते ही ममता, दुलार, स्नेह, प्यार व सुरक्षा का अहसास कराती बाहें मिलनी चाहिए थी, उन्हें जन्म के बाद नाले-नालियां, कचरा-गंदगी का ढेर, कंटीली झाडिय़ां नसीब हुई।समाज के ताने कहें या लोक लाज का हवाला ही क्यों न रहा आखिर एक निर्दयी मां और स्वजनों ने ही उन्हें दुनिया में आने से पहले ही दुत्कार दिया। नवजात बालिका के कराहने की हल्की हल्की आवाज सुन वहां पहुंचे आसपास के लोगों ने उसेे गोद मे उठाया और पुलिस को सूचना दी। इससे पहले लोगो ने धुल में लिपटी मासूम को नहलाया और पुचकारा तो मासूम ने आंखे खोल अपनो को अहसास कराया कि जन्म देने वाले ही सिर्फ अपने नही होते ।मानवता को झकझोर देने वाली यह खबर कैमुर के रामगढ़ की है। जहां नवजात बच्ची को जन्म देकर उसकी मां ने मासूम को अपने सीने से लगाये रखने के बजाए उसे रोहियां गांव के बस स्टैंड के पास के नाले के नजदिक रखकर भाग खड़ी हुई है । क्या मानवीय संवेदनायें इतनी मर चुकी हैं जहां एक और सैकड़ों दंपत्ति बच्चों की चाह में मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च और देश के नामी-गिरामी डॉक्टरों के चक्कर काट रहे हैं वही कुछ घटिया सोच वाले लोग सिर्फ बेटी होने की वजह से नवजात को लावारिस में छोड़ कर भाग जा रहे हैं ईसको ईश्वरिय देन ही कहेंगे की बच्ची का रात भर नाले के पास जमीन पर पड़े रह कर भी स्वस्थ रहना ईश्वर के चमत्कार को दर्शाता है। कहते हैं मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है । एक बार फिर यह कहावत चरितार्थ हो गयी। रात भर झाड़ी और नाले के पास मच्छरों के बीच रही मासूम नवजात रो भी नही पा रही थी । गनीमत यह रही कि किसी भी आवारा कुत्ता सियार आदि जानवर की नजर उस दूध मूही बच्ची पर नहीं पड़ी वरना वो उसे नोच खा सकते थे । अहले सुबह बस स्टैंड के नाले के पास लाल कपड़े में लिपटी हुयी नवाजात पर ग्रामीणों की जब नजर पड़ी तो लोग सन्न रह गए ।लोगो की भीड़ में से जिन महामानव को बच्ची पर दया आ गयी वो तुरन्त उसे गोद मे उठाकर आनन-फानन में वहीं पास के हैंडपंप पर नहलाया धुलाया । गोद मे आते ही नवजात रोना शुरू कर दी थी तो लोगों के मुंह से अनायस ही निकल गया अरे बचवा तो जिंदा है …..। नहलाने के बाद लोग नवजात को रामगढ़ के राम मनोहर लोहिया रेफरल अस्पताल ले गए। जहां बच्ची के स्वास्थ्य जांच के बाद कहा गया कि बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है । अस्पताल के डॉक्टर सुरेंद्र सिंह की देख रेख में बच्ची को रखा गया । बेटियों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने का दंभ भरने वाल शासन प्रशासन और सरकार के प्रतिनिधि समाज में बेटा बेटी में भेद ना करने को लेकर जागरूकता लाने का प्रयास करें ताकि इस तरह की घटनाएं रोकी जा सके ।
