बिहार में कोरोना के एक दिन में 1659 नए मरीज मिले, 4.5 लाख किशोरों का हुआ अब तक टीकाकरण

पटना। बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण और ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। सरकार की ओर से कोरोना के फैलाव को रोकने व निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को राज्य में बढ़ते संक्रमण और ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में जानकारी देने हेतु स्वास्थ्य विभाग ने आनलाइन प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत तथा राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जानकारियां मीडियाकर्मियों से साझा की।
राज्य में 63 कोरोना मरीज अस्पताल में भर्ती
ताजा स्थिति से अवगत कराते हुए प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य में अभी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 3881 है। इनमें से 63 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। इन एक्टिव मरीजों में 98 प्रतिशत से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में हैं और स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आज राज्य में कोरोना के 1659 नए मरीज मिले हैं और स्वास्थ्य विभाग इनका चिकित्सीय प्रबंधन कर रही है। वहीं राज्य में 4.5 लाख किशोरों का टीकाकरण अभी तक हो चुका है।
हलके लक्षणों वाले होंगे 7 दिनों के लिए होम आइसोलेट
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा होम आइसोलेशन के बारे में नयी गाइडलाइन जारी की गयी है, जिसके अनुसार हलके लक्षणों वाले कोरोना के मरीज 7 दिनों के लिए होम आइसोलेशन में रहेंगे। उन्हें दोबारा जांच करवाने की भी आवश्यकता नहीं होगी, बशर्ते उन्हें तीन दिनों तक लगातार बुखार न आया हो। अपर मुख्य सचिव ने बताया 550 निजी अस्पताल फिलवक्त कोविड अस्पताल के रूप में उपलब्ध हैं।
राज्य में 12000 आक्सीजन बेड्स की उपलब्धता
वहीं कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में आॅक्सीजन बेड्स की पर्याप्त व्यवस्था है और राज्य में 12,000 आक्सीजन बेड्स उपलब्ध हैं।
60 वर्ष से ऊपर के लोगों को सावधानी बरतने की जरुरत
ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण से सबसे ज्यादा उम्रदराज लोगों को बचने की जरुरत है। 60 वर्ष से ऊपर के लोग जिन्हें कोई गंभीर रोग हो या रह चुका हो, उन्हें विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है। ऐसे व्यक्ति आॅक्सीमीटर से नियमित रूप से अपने आॅक्सीजन स्तर की जांच करते रहें और स्तर में कमी दिखने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
