पूर्णिया में चाची का अश्लील फोटो और वीडियो भतीजे ने इंटरनेट पर किया वायरल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया जिले से एक शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक ने अपनी ही चाची की अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। आरोपी युवक ने पहले फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और फिर उस आईडी का इस्तेमाल करते हुए अश्लील सामग्री लोगों को भेजनी शुरू कर दी। इस सामग्री के बदले वह पैसों की भी मांग कर रहा था। मामला सामने आने के बाद महिला ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुई।
पीड़िता की शिकायत से हुआ खुलासा
महिला ने साइबर थाना में शिकायत करते हुए बताया कि किसी ने उनके नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके निजी पलों की तस्वीरें और वीडियो वायरल किए हैं। इसके साथ ही आरोपी उन तस्वीरों और वीडियो को दिखाकर लोगों से पैसों की मांग कर रहा है। महिला के अनुसार, यह हरकत न सिर्फ उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही थी, बल्कि मानसिक रूप से उन्हें काफी परेशान भी कर रही थी।
जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच
जैसे ही मामला पुलिस के पास पहुंचा, साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी चंदन कुमार ठाकुर ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी सूचना एसपी स्वीटी सेहरावत को दी गई। एसपी के निर्देश पर साइबर थाना की एसआई गीतांजली सिंह ने मामले की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान फेसबुक और एनसीआरपी पोर्टल से अहम जानकारियां इकट्ठा की गईं।
खाते और क्यूआर कोड से मिली पहचान
पीड़िता ने जिस फेसबुक आईडी और क्यूआर कोड की जानकारी दी थी, उसके आधार पर पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य इकट्ठा किए। पता चला कि जिस खाते का इस्तेमाल पैसे लेने के लिए किया जा रहा था, वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का है। गहन जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि इस खाते का संचालन खुद महिला का भतीजा मोहनलाल दास कर रहा है, जो पूर्णिया के के. हाट थाना क्षेत्र के प्रभात कॉलोनी का निवासी है।
पैसे वसूलने के लिए किया था क्यूआर कोड का इस्तेमाल
पुलिस को यह भी पता चला कि पिछले साल 12 नवंबर को आरोपी भतीजे ने अपनी चाची से वॉट्सऐप पर क्यूआर कोड मांगा था। उस समय उसने इसका उपयोग किसी अन्य काम के बहाने से किया था। बाद में उसी क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हुए वह फर्जी फेसबुक आईडी से लोगों को चाची की अश्लील सामग्री भेजता था और बदले में पैसे वसूलता था।
आरोपी ने कुबूला जुर्म
सभी सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोपी मोहनलाल दास को गिरफ्तार कर लिया और उससे कड़ी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने लालच और निजी दुश्मनी के चलते इस शर्मनाक साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध किस कदर निजी जीवन को प्रभावित कर सकता है और यह कि व्यक्तिगत संबंधों में जब विश्वास टूटता है, तो उसका असर कितना भयावह हो सकता है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया और तकनीक का दुरुपयोग कितनी दूर तक लोगों को गिरा सकता है। ऐसे मामलों में कानून का सख्ती से पालन और दोषियों को कड़ी सजा देना आवश्यक है ताकि अन्य लोग भी इससे सबक लें।
