30 को एनडीए जारी करेगा घोषणा पत्र, कई योजनाओं पर नजर, रोजगार और युवाओं पर रहेगा फोकस
 
                पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के समीप आते ही राजनीतिक दलों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। महागठबंधन ने जहाँ तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है, वहीं अब एनडीए भी अपने घोषणा पत्र की तैयारी में जुट गया है। खबर है कि 30 अक्टूबर को एनडीए द्वारा आधिकारिक रूप से घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है, पर गठबंधन के प्रमुख दलों के नेताओं ने इस दिशा में संकेत दे दिए हैं।
एनडीए की तैयारियाँ और नेतृत्व
एनडीए में मुख्य रूप से जेडीयू, बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे दल शामिल हैं। इस गठबंधन का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहेंगे। नेताओं की ओर से कहा गया है कि इस बार घोषणा पत्र में विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सहयोगी दलों से सुझाव भी मांगे हैं, ताकि घोषणा पत्र आम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप हो।
घोषणा पत्र जारी करने की संभावित तारीख
बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एनडीए अपना घोषणा पत्र 30 अक्टूबर को पटना में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम के दौरान जारी कर सकता है। इस घोषणा पत्र में खास तौर पर उन योजनाओं को शामिल किया जा सकता है, जिन्हें नीतीश सरकार पहले से चला रही है या जिनकी आगामी वर्षों के लिए रूपरेखा तैयार है।
महागठबंधन का घोषणा पत्र और उसका प्रभाव
दूसरी ओर महागठबंधन ने अपने घोषणा पत्र को तेजस्वी प्रण नाम दिया है। इस घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किए गए हैं। इनमें सबसे प्रमुख वादा यह है कि सरकार बनते ही 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिए कानून बनाया जाएगा। यह दावा सीधे तौर पर युवा मतदाताओं को लुभाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का वादा किया गया है, जिसे कई सरकारी कर्मचारी लंबे समय से मांगते रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओं के लिए माई-बहन मान योजना के अंतर्गत प्रति माह 2,500 रुपये आर्थिक मदद देने और हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने की भी बात कही गई है।
उद्योग रोजगार और युवाओं पर रहेगा फोकस
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के घोषणा पत्र के बाद अब एनडीए के सामने चुनौती यह होगी कि वह जनता के बीच अपनी योजनाओं और विकास कार्यों को प्रभावी ढंग से रख सके। एनडीए इस बात पर जोर दे सकता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। इसके अलावा संभव है कि एनडीए अपने घोषणा पत्र में युवाओं के कौशल विकास, उद्योगों के विस्तार और रोजगार सृजन से जुड़े वादे प्रमुख रूप से शामिल करे।
चुनाव कार्यक्रम और मतदान प्रक्रिया
बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी और उसी दिन यह साफ हो जाएगा कि बिहार की जनता किस गठबंधन पर अपना विश्वास जताती है।
राजनीतिक महत्त्व और संभावित असर
एनडीए और महागठबंधन दोनों के घोषणा पत्रों से यह साफ होता है कि इस चुनाव की केंद्रीय विषयवस्तु रोजगार, आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा होने वाली है। विशेषकर युवाओं और महिलाओं को दोनों ही मोर्चों ने अपने-अपने तरीके से केंद्र में रखा है। अब देखना यह होगा कि जनता किसकी बातों पर विश्वास करती है और किस नेतृत्व को आगे देखने की इच्छा रखती है। आने वाले दिनों में घोषणा पत्र राजनीति का सबसे महत्त्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा। एक ओर महागठबंधन ने बड़े और आकर्षक वादों के जरिए चुनावी माहौल में नई ऊर्जा ला दी है, वहीं अब सबकी निगाहें एनडीए पर टिकी हैं कि वह किस प्रकार जनता को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह तय है कि घोषणा पत्र ही आने वाले चुनाव की दिशा और चर्चा का मुख्य आधार बनने वाला है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        