कयासों पर विराम: राजग में ‘आल इज वेल’, उठाते रहेंगे बिहार के मुद्दे : चिराग

पटना। एनडीए के घटक दल लोजपा और जदयू के बीच गहराते खाई पर तस्वीर बिलकुल साफ हो गई है। चिराग ने राजग में ‘आल इज वेल’ बोलकर सभी संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है। लोजपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की अध्यक्षता में स्वतंत्रता दिवस को हुई आपात बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक के बाद चिराग ने जदयू पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने का आरोप लगाया। चिराग ने अपने दल के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि वे विधानसभा चुनाव की चिंता नहीं कर रहे। उनकी चिंता बिहार में बाढ़ और कोरोना संक्रमण के मामले हैं। वे जनता के मुद्दे उठाते रहे हैं।
बीते दिन कोरोना जांच बढ़ाने के उनके ट्वीट को लेकर जदयू के कद्दावर नेता व सांसद ललन सिंह द्वारा उन्हें कालिदास कहे जाने को उन्होंने अपना नहीं, बल्कि पीएम मोदी का अपमान बताया। चिराग ने कहा कि वे तो प्रधानमंत्री की बात ही रख रहे थे कि ललन सिंह भड़क गए। ललन सिंह अभिभावक हैं, इसलिए उनके बारे में कुछ नहीं बोलेंगे। चिराग ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार से समर्थन वापसी के कयासों पर विराम देते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। चिराग ने आगे कहा कि बिहार के मसलों पर उनकी एनडीए के दिग्गज नेताओं से बात होती रहती है। वे मिलते रहते हैं। उनसे बिहार के मसले पर ही बात होती है, चुनाव को लेकर नहीं। पटना आने के पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी चुनाव या सीट पर कोई बात नहीं हुई थी।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर फिर नीतीश सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि जांच की संख्या बढ़ी है, सरकार आरटीपीसीआर जांच की संख्या भी बढ़ाए, जो अभी 10 हजार से अधिक नहीं है। चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारे हैं तो उन्हें नहीं तो किसे लोगों की समस्याओं के बारे में बताएंगे? समस्या बताते हैं तो इसे आलोचना समझ लिया जाता है, जो उचित नहीं है।
बताते चलें चिराग द्वारा ट्विट कर नीतीश सरकार के कार्यों पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। लगातार सवाल उठाए जाने से जदयू ने अपने सांसद को चिराग का जवाब देने के आगे किया। जदयू सांसद ललन सिंह ने चिराग के उस ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी द्वारा नीतीश कुमार समेत अन्य मुख्यमंत्रियों से कोरोना की जांच बढ़ाने की अपील की प्रशंसा की थी। इस पर ललन सिंह ने चिराग को कालीदास की उपमा देते हुए कहा था कि वे जिस डाल पर बैठे हैं, उसे ही काट रहे हैं। इसके बाद लोजपा नेता भी पलटवार करने से नहीं चूके। घात-प्रतिघात के बीच चिराग ने राज्य कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई। इस आपात बैठक के पूर्व बिहार के राजनीतिक गलियारों में कई सवालों ने जन्म ले लिया। चर्चा तेज हो गई कि चिराग बैठक के बाद जदयू से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने सभी संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया।

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