पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर को बताया नटवरलाल, कहा- वे झूठे, खाकर कर रहे अनशन का नाटक

पटना। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार में 70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ शुक्रवार को बड़ा आंदोलन शुरू किया। पटना के सचिवालय हाल्ट पर उनके नेतृत्व में रेल चक्का जाम किया गया, जहां उनके समर्थकों ने सुबह से कई ट्रेनों को रोका। आंदोलन के दौरान ट्रेनों को कुछ समय के लिए रोका गया और फिर परिचालन बहाल किया गया। खुद पप्पू यादव प्लेटफॉर्म पर जमीन पर बैठकर इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। पप्पू यादव ने बीपीएससी परीक्षा को रद्द कर फिर से आयोजित कराने की मांग की। उनका कहना था कि यह परीक्षा लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा मामला है और इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि छात्रों की जायज मांग को लेकर वे सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उनके अनुसार, यह आंदोलन किसी औपचारिकता का हिस्सा नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए आर-पार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि चाहे सरकार पैसे के बल पर परीक्षा आयोजित करवा ले, लेकिन वे छात्रों की आवाज को दबने नहीं देंगे। प्रदर्शन के दौरान पप्पू यादव ने गांधी मैदान में आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने प्रशांत किशोर को “नटवरलाल” और “दलाल” करार देते हुए उनके अनशन को झूठा और नाटकीय बताया। पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कोई भी अनशन सुबह 6 बजे शुरू नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर रात में अनशन छोड़कर भरपेट खाना खाकर सुबह फिर से अनशन पर बैठ जाते हैं। पप्पू यादव ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मीडिया केवल प्रशांत किशोर को प्रमोट कर रही है। पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि वे किसी रस्मी आंदोलन का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं और उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए वे खुद जमीन पर उतरकर लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र का हिस्सा बताते हुए कहा कि ऐसे आंदोलनों में रेल चक्का जाम या विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं। उन्होंने छात्रों के आंदोलन को जाट, मीणा और किसान आंदोलनों के समकक्ष रखते हुए इसे एक गंभीर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बताया। यह प्रदर्शन न केवल पप्पू यादव की राजनीतिक सक्रियता को दर्शाता है, बल्कि बिहार में परीक्षा प्रणाली और सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और वे हर स्तर पर उनकी लड़ाई में साथ देंगे। पप्पू यादव के इस आंदोलन से बिहार में प्रशासन और शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। उनका कहना है कि यह संघर्ष छात्रों के हक और न्याय के लिए है, जिसे किसी भी हालत में दबने नहीं दिया जाएगा।
