BIHAR : मुजफ्फरपुर-सगौली-वाल्मीकि नगर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य तीव्र गति से जारी

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हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल में नई लाईन, दोहरीकरण सहित कई महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं पर तीव्र गति से कार्य जारी है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकि नगर रेलखंड का दोहरीकरण कार्य भी शामिल है। मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) पर लगभग 1186 करोड़ रूपए तथा सगौली-वाल्मीकि नगर दोहरीकरण परियोजना (110 किमी) पर लगभग 1216 करोड़ रूपए के व्यय आने का अनुमान है।
पश्चिमी चंपारण जिले में पड़ने वाले 110 किमी लंबे सगौली-वाल्मीकि नगर दोहरीकरण परियोजना को 07 छोटे-छोटे भागों में बांट कर कार्य किया जा रहा है। इस क्रम में 8 किमी लंबे चमुआ-हरिनगर, 11 किमी लंबे साठी-नरकटियागंज तथा 12 किमी लंबे सगौली-मझौलिया रेलखंड का दोहरीकरण कार्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है। जबकि शेष 4 खंडों का भी कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा कर लिए जाने की संभावना है। अक्टूबर माह तक चमुआ से हरिनगर के बीच 5 छोटे पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है तथा वृहद पुल संख्या 317 पर कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 8 किमी लंबे इस रेलखंड में लगभग 6 किमी ट्रैक लिंकिंग का कार्य तथा स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसी प्रकार नरकटियागंज से साठी (11 किमी) के बीच 8 पुल-पुलिया का निर्माण और ट्रैक लिंकिंग कार्य चल रहा है। वहीं मझौलिया-सगौली (12 किमी) के बीच 20 रेलपुलों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
इसी तरह मुजफ्फरपुर-सगौली दोहरीकरण परियोजना (101 किमी) को 6 छोटे-छोटे खंडों में बांटकर कार्य किया जा रहा है। इसमें से 16 किमी लंबे महवल से चकिया तक का कार्य चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। मेहसी और पीपरा के बीच 11 तथा पीपरा और जीवधारा के मध्य 10 तथा जीवधारा और सगौली के मध्य 7 छोटे पुलों का कार्य पूर्ण हो चुका है जबकि शेष 3 खंडों पर दोहरीकरण कार्य प्रगति पर है।
मुजफ्फरपुर-सगौली एवं सगौली-वाल्मीकि नगर रेलमार्ग पर सेवित होने वाले क्षेत्र उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण हैं। इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद मुजफ्फरपुर से वाल्मीकि नगर तक दोहरीकरण से परिचालन क्षमता और कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के लोगों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा, साथ ही नेपाल सीमा से नजदीक होने के कारण सामरिक दृष्टिकोण से भी इस यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण है।

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