बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से बुलाने की तैयारी, एक सप्ताह चलेगी बैठक, कई प्रस्ताव होंगे पास

पटना। बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और वर्तमान सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में आचार संहिता के लागू होने से पहले बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र जुलाई में आयोजित होने की तैयारी चल रही है। यह सत्र मौजूदा सरकार के लिए अंतिम और बेहद महत्वपूर्ण सत्र होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास होने की संभावना है।
14 जुलाई से एक सप्ताह चलने की संभावना
सूत्रों के अनुसार, मानसून सत्र की शुरुआत 14 जुलाई से हो सकती है, जो एक सप्ताह यानी कुल पांच कार्यदिवस तक चलेगा। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा कैबिनेट की बैठक में निर्णय के बाद ही होगी। विधानसभा अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने संकेत दिया है कि इस बार का सत्र काफी अहम और संभावित रूप से हंगामेदार हो सकता है।
विपक्ष की तैयारी और सत्ता पक्ष की रणनीति
विपक्ष इस सत्र में कानून-व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं सत्ता पक्ष की कोशिश रहेगी कि वह जनता को लुभाने वाले कुछ अहम प्रस्ताव इस सत्र में पास कराकर आगामी चुनाव से पहले जन समर्थन जुटा सके।
लोक-लुभावनी योजनाएं ला सकती है सरकार
सरकार की ओर से इस अंतिम सत्र में महिलाओं, जीविका दीदियों और शिक्षकों के हित में कई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है। माना जा रहा है कि ‘माई बहिन मान योजना’ की तर्ज पर महिलाओं को लेकर कुछ नई योजनाएं सामने आ सकती हैं। महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए सरकार आधी आबादी के हितों को साधने का प्रयास करेगी।
जीविका दीदियों के लिए राहत की उम्मीद
कुछ समय पूर्व जीविका दीदियों ने मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसे देखते हुए संभावना है कि सरकार इस सत्र में उनका मानदेय बढ़ाने की घोषणा करे या उन्हें ऋण पर राहत दे। इससे ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जाएगा।
शिक्षकों को मिल सकती है राहत
बिहार में हाल के वर्षों में शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गई हैं। हालांकि अब तक उनके मूल वेतन में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। इस सत्र में सरकार शिक्षकों के मूल वेतन में वृद्धि का निर्णय ले सकती है, जिससे लगभग छह लाख शिक्षकों को राहत मिलेगी। चूंकि शिक्षा व्यवस्था चुनावी मुद्दा बन सकती है, इसलिए इस वर्ग को साधना सरकार के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद हो सकता है।
अनुपूरक बजट होगा पेश
इस मानसून सत्र में सरकार द्वारा अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत किया जाएगा। अनुमान है कि सरकार के लगभग 41 विभागों की विभिन्न योजनाओं की राशि में बढ़ोतरी की जाएगी। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार अपने आखिरी सत्र में विकास योजनाओं को गति देना चाहती है और इसका सीधा प्रभाव आगामी चुनाव पर भी पड़ेगा।
आचार संहिता से पहले आखिरी मौका
चूंकि आचार संहिता सितंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में लागू हो सकती है, इसलिए यह सत्र सरकार के पास अपनी योजनाएं घोषित करने का आखिरी अवसर होगा। इसीलिए सरकार इस मंच का भरपूर उपयोग करना चाहेगी।
अहम फैसलों का सत्र बन सकता है गवाह
संभावना है कि यह सत्र शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और रोजगार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण फैसलों का साक्षी बनेगा। सत्र छोटा जरूर होगा, लेकिन इसमें होने वाले निर्णय लंबे समय तक प्रभाव डाल सकते हैं। इस प्रकार, बिहार विधानमंडल का यह अंतिम मानसून सत्र केवल विधायी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होगा, बल्कि आगामी चुनावों की दिशा और माहौल तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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