बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से : अग्निपथ, बेरोजगारी, बाढ़-सुखाड़ पर गर्म होगा सदन का माहौल

पटना। बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू होने जा रहा है। 30 जून तक चलने वाले इस सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पक्ष-विपक्ष से सदन को शांतिपूर्ण चलाने का आग्रह किया है, लेकिन आसार नहीं दिखते। सत्र छोटा जरूर है, मगर हालात बता रहे हैैं कि हंगामा छोटा नहीं होगा। अग्निपथ योजना, बेरोजगारी, बाढ़-सुखाड़ एवं विधि-व्यवस्था के मुद्दे पर सदन का माहौल गर्म रह सकता है।
राज्य सरकार को घेरने के लिए अग्निपथ योजना के रूप में विपक्ष को एक नया मुद्दा मिल गया है। राजद प्रारंभ से ही इसका विरोध करता आ रहा है। उसने अपने सहयोगी वामदलों के साथ पटना में राजभवन मार्च भी किया है। स्पष्ट है, सदन में भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इसका प्रतिरोध करेगा। सत्ता में रहने के बावजूद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू इस योजना को केंद्र सरकार से वापस लेने की मांग कर चुकी है। ऐसे में सदन में इसके समर्थन और विरोध को लेकर जदयू और राजद के बीच असमंजस की स्थिति रहेगी।
राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि सदन में सरकार की चालाकी नहीं चलने देंगे। अग्निपथ योजना पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना होगा कि वह इधर हैैं या उधर हैैं। बाहर विरोध और सदन में चुप्पी नहीं चलने देंगे। सदन में विमर्श के अन्य मुद्दों में बाढ़ को प्रमुखता से उठाया जाएगा। उत्तर बिहार में अगले दो महीने तक प्राकृतिक आपदा के रूप में बाढ़ का सिलसिला शुरू होने वाला है। मानसून सत्र का यह दशकों से मुद्दा रहा है। इस बार भी रहेगा। इसके अलावा विधि-व्यवस्था का मुद्दा भी बहस का विषय रहेगा।
पहला दिन अनुपूरक बजट पेश होगा: मानसून सत्र में कुल पांच बैठकें होनी हैैं। पहले दिन की बैठक औपचारिकता में गुजर जाएगी। प्रथम अनुपूरक बजट एवं शोक प्रकाश के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। इसके बाद सोमवार एवं मंगलवार को राजकीय विधेयक पेश होंगे। बुधवार को अनुपूरक बजट पर विमर्श के बाद उसे पारित कराया जाएगा। आखिरी दिन गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे।

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