देश में अब एटीएम से पैसा निकालना हुआ महंगा, लिमिट पार करने पर लगेगा मोटा शुल्क

  • नया नियम आज से लागू, मिनी स्टेटमेंट और बैलेंस चेक करने पर भी लगेगा शुल्क, वित्तीय सेवा पर असर

नई दिल्ली। देश अब एटीएम से बार-बार पैसे निकालना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देशों के बाद बैंकों ने एटीएम लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। इससे खासकर उन ग्राहकों को परेशानी हो सकती है जो महीने में कई बार नकद लेनदेन करते हैं।
शुल्क में हुई बढ़ोतरी
नए नियमों के अनुसार, अब एटीएम से मुफ्त लेनदेन की सीमा पार करने पर हर अतिरिक्त लेनदेन पर 23 रुपये का शुल्क देना होगा, जबकि पहले यह शुल्क 21 रुपये था। इतना ही नहीं, अब बैलेंस चेक करने जैसे गैर-वित्तीय लेनदेन पर भी 7 रुपये का शुल्क देना होगा, जो पहले 6 रुपये था।
मुफ्त लेनदेन की सीमा
एटीएम से मुफ्त लेनदेन की सीमा शहरों के हिसाब से तय की गई है। मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में अन्य बैंकों के एटीएम से केवल 3 मुफ्त लेनदेन की सुविधा है। वहीं, गैर-मेट्रो शहरों में यह सीमा 5 लेनदेन तक है। अपने ही बैंक के एटीएम पर ग्राहक 5 मुफ्त लेनदेन कर सकते हैं, जिसमें वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों प्रकार के लेनदेन शामिल हैं। इसका मतलब है कि आप महीने में कुल मिलाकर केवल कुछ सीमित बार ही बिना अतिरिक्त शुल्क दिए एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं या बैलेंस चेक कर सकते हैं।
आम लोगों पर असर
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो नियमित रूप से एटीएम से नकद निकालते हैं, खासकर छोटे व्यवसायी, बुजुर्ग और ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो डिजिटल पेमेंट का कम इस्तेमाल करते हैं। हर बार शुल्क लगने से महीने के अंत में काफी रकम केवल एटीएम शुल्क में चली जा सकती है।
डिजिटल पेमेंट बन सकता है विकल्प
विशेषज्ञों का मानना है कि इन शुल्कों से बचने का सबसे अच्छा तरीका डिजिटल पेमेंट सिस्टम जैसे यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और वॉलेट का अधिक उपयोग करना है। ये माध्यम न केवल मुफ्त हैं, बल्कि सुरक्षित और त्वरित भी हैं। यूपीआई के माध्यम से सीधे खाते से भुगतान किया जा सकता है और आजकल छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारी तक सभी इस प्लेटफॉर्म को अपनाने लगे हैं। साथ ही, कई बैंक मोबाइल ऐप्स के जरिए मिनी स्टेटमेंट, बैलेंस चेक और फंड ट्रांसफर की सुविधा मुफ्त में दे रहे हैं।
जागरूकता की आवश्यकता
ग्राहकों को एटीएम का इस्तेमाल करते समय यह ध्यान रखना होगा कि वे कितनी बार एटीएम का उपयोग कर चुके हैं ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके। बैंक अपने ग्राहकों को एसएमएस और ऐप के माध्यम से जानकारी देते हैं, लेकिन अक्सर लोग इस पर ध्यान नहीं देते। बढ़ते शुल्कों के बीच अब ग्राहकों को अपनी बैंकिंग आदतों में बदलाव लाना जरूरी हो गया है। डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देकर न केवल ये अतिरिक्त खर्चों से बचा जा सकता है, बल्कि देश को कैशलेस इकॉनॉमी की ओर ले जाने में भी मदद मिलेगी।

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