बिहार में जल्द होगा ब्लैकआउट का मॉक ड्रिल, चलेगा जागरूकता अभियान, तैयारी में प्रशासन

पटना। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए बिहार सरकार ने राज्यभर में एक बड़े नागरिक सुरक्षा अभियान की योजना बनाई है। इस अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों, अनुमंडलों और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लैकआउट आधारित मॉक ड्रिल कराई जाएगी, जिससे आम लोगों को आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जा सके। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना और किसी भी संकट की घड़ी में उन्हें सही दिशा में क्रियाशील करना है।
आपदा प्रबंधन विभाग की सक्रियता
इस पूरे अभियान की अगुवाई राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की जा रही है। विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि बीते बुधवार को पटना, पूर्णिया, किशनगंज, बेगूसराय, अररिया, कटिहार और बरौनी में मॉक ड्रिल की गई थी। इस अनुभव को आधार बनाकर अब पूरे राज्य में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने विभागीय बैठक में बताया कि पिछले ड्रिल के दौरान हुई गलतियों से सीख ली गई है और भविष्य में उसे सुधारने पर ध्यान दिया जा रहा है।
ब्लैकआउट ड्रिल का मकसद और अनुभव
मॉक ड्रिल के दौरान एक निश्चित समय के लिए पूरे इलाके की बिजली काट दी जाती है ताकि लोग यह जान सकें कि अगर कभी ऐसा वास्तविक खतरा हो, तो उन्हें क्या करना चाहिए। पिछले ड्रिल में देखा गया कि कुछ लोगों ने अपने घरों की लाइट जलाई रखी थी और सड़क पर वाहनों की लाइट भी जल रही थी। इसके साथ ही कई लोग सड़कों पर निकलकर वीडियो बना रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। यह दर्शाता है कि अभी जागरूकता की भारी कमी है।
वॉलंटियर और युवाओं की भागीदारी
इस अभियान में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के वॉलंटियर के साथ-साथ एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के युवाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हर गांव और कस्बे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचे और वे प्रशिक्षित हों। वॉलंटियर को आपात स्थिति में प्राथमिक सहायता देने, भीड़ नियंत्रण और सूचनाएं प्रसारित करने जैसी जिम्मेदारियों के लिए तैयार किया जाएगा।
आम लोगों को मिलेगी जरूरी जानकारी
प्रशासन की योजना है कि इस अभियान के तहत आम नागरिकों को यह बताया जाए कि यदि ब्लैकआउट जैसी स्थिति आती है तो उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए, लाइट बंद रखनी चाहिए और मोबाइल का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। साथ ही, अफवाहों से बचने और आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की सलाह भी दी जाएगी।
लंबी अवधि की योजना का हिस्सा
यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक बार की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक लंबी योजना का हिस्सा है जिसके तहत समय-समय पर विभिन्न आपात स्थितियों से निपटने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी संकट आने पर राज्य के नागरिक मानसिक और व्यवहारिक रूप से तैयार रहें।
सही व्यवहार से ही मिलेगी सफलता
प्रत्यय अमृत ने लोगों से अपील की कि वे इस ड्रिल को मज़ाक या तमाशा न समझें, बल्कि गंभीरता से लें। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए जरूरी है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जीवन रक्षक साबित हो सकता है। भविष्य की अनिश्चित परिस्थितियों में यही तैयारी उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करेगी।

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