पटना में 15 वर्षीय नाबालिक से गैंगरेप, चार नाबालिक छात्र गिरफ्तार
पटना। कोतवाली इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ 15 वर्षीय एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की घटना हुई। इस मामले में चार नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया गया है, जो 8वीं और 10वीं कक्षा के छात्र हैं। यह घटना न केवल अपराध की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग और किशोरों के बीच बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति पर भी सवाल खड़े करती है।
सोशल मीडिया से शुरू हुई दोस्ती
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि लड़की से उनकी पहचान इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई थी। धीरे-धीरे उनके बीच बातचीत बढ़ने लगी और लड़की ने एक आरोपी के साथ रिश्ता बना लिया। इसके बाद उसने अपने ग्रुप के अन्य दोस्तों से भी मिलवाया। समय के साथ उनकी नजदीकी बढ़ती गई, जिसके बाद एक महीने पहले लड़की दीपनगर इलाके में आरोपी के घर पहुँची। वहाँ दोनों ने शारीरिक संबंध बनाए, जिसके बाद घटना की राह और आगे बढ़ी।
होटल में हुई सामूहिक दरिंदगी
इसके बाद लड़की को ग्रुप के तीन अन्य लड़कों के साथ बाईपास के पास स्थित एक होटल में ले जाया गया, जहाँ उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। लड़की ने पुलिस को बताया कि मंगलवार के दिन उसे कोतवाली इलाके के एक होटल में बुलाया गया, जहाँ उसके साथ यह जघन्य अपराध किया गया। घटना के बाद लड़की ने होटल से निकलकर अपने परिजनों को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल कोतवाली थाने की महिला पुलिसकर्मी शोभा कुमारी और एएसआई राजीव रंजन कोर्ट में लड़की का बयान दर्ज कराने गए हैं। पुलिस मामले की गहन जाँच कर रही है और संभावित सबूतों को इकट्ठा करने में जुटी हुई है।
समाज और कानून व्यवस्था पर सवाल
यह घटना एक बार फिर बिहार में महिला सुरक्षा की चिंताजनक स्थिति को उजागर करती है। पटना जैसे शहर में नाबालिग लड़कियों के साथ इस तरह की घटनाएँ समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं। सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग, किशोरों में नैतिक शिक्षा की कमी और पुलिस की निगरानी में ढील इस तरह के मामलों को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा, होटल प्रबंधन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि बिना किसी पहचान के नाबालिगों को होटल में प्रवेश देना गंभीर लापरवाही है। यह मामला न केवल एक अपराधिक घटना है, बल्कि समाज और प्रशासनिक व्यवस्था की विफलता को भी दर्शाता है। ऐसे मामलों में केवल आरोपियों की गिरफ्तारी ही काफी नहीं है, बल्कि सामाजिक जागरूकता, कानून के सख्त क्रियान्वयन और युवाओं को सही दिशा देने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।


