रामचरितमानस में से कई बातें हटाने योग्य, पुनर्लेखन की जवाबदेही केंद्र की होनी चाहिए : शिक्षा मंत्री

  • रामचरितमानस पर फिर बोले चंद्रशेखर, मेरी बात का सपोर्ट मोहन भागवत जैसे हिंदूवादी संगठन के लोग भी कर रहे

पटना। शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से पटना में पूछा कि आपकी सरकार रामचरितमानस का पुनर्लेखन करवाएगी क्या? तो उन्होंने कहा कि जो धर्म के रक्षक हैं ये उनकी ज़िम्मेवारी है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मोहन भागवत ने भी कहा है कि रामचरित मानस में आपत्तिजनक चीजें हैं। मेरी बात का सपोर्ट मोहन भागवत जैसे कट्टर हिंदूवादी संगठन के लोग कर रहे हैं। ये लोग भारत सरकार को संचालित करने वाले लोग हैं। इसलिए ये भारत सरकार की जवाबदेही है। हम लोगों को और मोहन भागवत को दोनों को यह दिख रहा है कि रामचरितमानस में आपत्तिजनक बातें हैं। मानस में कई अच्छी बातें भी हैं। कई अच्छी चौपाइयां भी हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि तुलसीदास ने खुद लिखा है मांग के खइबो मस्जिद में सोबो। रामचरित मानस मस्जिद में लिखा गया कि नहीं मैं देखने नहीं गया था। मेरा अनुसंधान वहां तक नहीं है। लेकिन तुलसीदास अपने भ्रमण काल में बोलते हैं कि ‘मांग के खइबो मस्जिद में सोबो’ तो वे मस्जिद में सोते होंगे। हमलोगों की वकालत है कि रामचरित मानस से आपत्तिजनक बातें हटानी चाहिए। राम मनोहर लोहिया, बाबा नागार्जुन, पंडित रामचंद्र शुक्ल ने भी कहा है कि रामचरित मानस में कुछ आपत्तिजनक चीजें हैं। इसमें मातृशक्ति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हैं। बड़ी आबादी जिसे मनुवाद ने शूद्र कहा है उसके खिलाफ अपमानजनक बातें हैं। उस टिप्पणी को हटना चाहिए। हम यही बात तो लगातार कह रहे हैं।

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