तिरुपति लडडू मामले में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, मंदिर शुद्धि के लिए शुरू हुआ महायज्ञ
नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू में मिलावटी घी के कथित इस्तेमाल की जांच विशेष जांच दल से कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। हिंदू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने जनहित याचिका दायर की, जिसमें आरोप लगाया गया कि लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया, जिससे तिरुपति बालाजी के हिंदू भक्तों की भावनाएं आहत हुईं। याचिकाकर्ता ने कहा कि जनहित याचिका हिंदू भक्तों की ओर से दायर की गई, जिनकी अंतरात्मा पवित्र प्रसाद बनाने में अशुद्ध सामग्री के इस्तेमाल के कारण आहत हुई। यह विवाद पिछले सप्ताह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान के बाद शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने कुछ लैब रिपोर्टों का हवाला दिया, जिसमें उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में “गोमांस वसा”, “लार्ड” और “मछली के तेल” के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया। तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी का मामला पूरे देश में तूल पकड़ चुका है। इस बीच मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आदेश के मुताबिक अपवित्रता को ठीक करने के लिए तिरुमाला में आज (सोमवार) को शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण यानी की होम का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के शुद्धिकरण के लिए हो रहे इस होम का आयोजन श्रीवारी (श्री वेंकटेश्वर) मंदिर में बंगारू बावी (स्वर्ण कुआं) यज्ञशाला (अनुष्ठान स्थल) में किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि सरकार इसे लेकर सख्त कदम उठाएगी, जिससे लड्डू में मिलावट जैसी घटनाएं दोबारा ना हों। सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि नियमों के मुताबिक घी सप्लायर्स के पास कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी के सत्ता संभालने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया। सीएम ने यह भी कहा कि सप्लायर्स के लिए जरूरी टर्नओवर को भी 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया है। नायडू ने सवाल किया कि 319 रुपये प्रति किलो पर शुद्ध घी कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है, जबकि पाम ऑयल भी इससे महंगा है। उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून 2024 से घी की आपूर्ति शुरू कर दी है। बता दें कि कुछ दिन पहले एनडीए विधायक दल की बैठक में टीडीपी सुप्रीमो ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्रीवेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। दो दिन बाद, 20 सितंबर को तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि लैब टेस्ट के नमूनों में जानवरों की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है। बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है।