दलित गरीबों के रोजी-रोटी, आवास, पेंशन और मनरेगा मजदूरी समेत विभिन्न स्वालों को लेकर माले का प्रखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन

पटना,फुलवारीशरीफ। राज्य स्तरीय कार्यक्रम के तहत भाकपा माले के खेत ग्रामसभा मनरेगा मजदूर से जुड़े सैकड़ों प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने फुलवारीशरीफ एवं संपतचक प्रखंड मुख्यालय पर घंटो घेराव कर नारेबाजी करते हुए जोरदार आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया। वही संपतचक भाकपा माले प्रखंड नेता सत्यानंद कुमार ने बताया कि भूमिहीन लोगों को सरकार के नियमानुसार मिलने वाली भूमि का पर्चा दिलाने मनरेगा मजदूरों को साल भर पर्याप्त काम दिलाने मजदूर प्रतिदिन का 429 करने समेत गरीब परिवार के लोगों को मिलने वाली सरकार की अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं में धांधली रोकने आदि विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया गया। वही इस संबंध में BDO वीणा कुमारी को स्मार पत्र देकर हमारी मांगों को पूरा कराने के लिए आग्रह किया गया। वही फुलवारीशरीफ प्रखंड माले सचिव गुरुदेव दास ने बताया कि मनरेगा मजदूर संघ के जिला सचिव अनिल चंद्रवंशी, खेत ग्राम मजदूर सभा के पटना जिला अध्यक्ष शरीफा मांझी, सचिव देवीलाल पासवान, भोला चौधरी, मनोज कुमार, राजकुमार राय, बनवारी ठाकुर के नेतृत्व में सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है। दरअसल, 27 अप्रैल 2023 को अखिल भारतीय ग्रामीण खेत मजदूर सभा मनरेगा मजदूर सभा संपतचक की ओर से सोहगी मोड़ से जुलूस गोपालपुर मोर थाना रोड उप स्वास्थ्य केंद्र होते हुए प्रखंड कार्यालय संपतचक के प्रांगण में सभा में तब्दील हो गया। वही इस जुलूस का नेतृत्व भाकपा माले प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा के संयोजक रामअवतार दास मनरेगा मजदूर सभा का संयोजक राम सिंगार पासवान धनराज पासवान संदीप कुमार यादव केवल राम परमानंद प्रियदर्शी सरोज कुमार प्रमोद कुमार मांझी ने नेतृत्व की और गर्मजोशी भरे नारे लगाते हुए हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार बनाया जाए। जो जहां बसे हैं उन्हें बास गीत परचा दो तमाम अनाधिकृत बसावट का मुकम्मल सर्वे कर नयावास आवास कानून बनाओ बिना वैकल्पिक व्यवस्था के घरों को उजाड़ने पर रोक लगे नदी के मार्ग में परिवर्तन और कटाव से प्रभावित लोगों को पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।

वही कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक केंद्रीय कानून लाए न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और इसके प्रभाव कारी ढंग से लागू करने की व्यवस्था हो भारत सरकार के अकुशल मजदूरों के लिए तय न्यूनतम मजदूरी 429 को मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी घोषित करो और राज्यों में तय न्यूनतम मजदूरी मनरेगा मजदूरों को मिले लेकिन यह किसी कीमत पर 429 से कम नहीं हो मनरेगा में डिजिटल हाजिरी पर रोक लगाओ हंगर इंडेक्स में भारत की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए खाद सुरक्षा कानून को मजबूत किया जाए। चावल, गेहूं, दाल, तेल, सब्जी, चीनी, दूध आदि की व्यवस्था के लिए कानूनी प्रावधान बनाया जाए। इस संवैधानिक प्रावधान का राजनीतिक इस्तेमाल बंद हो खाने पीने की चीजों पर GST हटाया जाए। 3000 मासिक पेंशन सभी बिरधा विकलांग को 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को दी जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना की सहायता की राशि बढ़ाकर 500000 किया जाए और दलाली नौकरशाही की लूट को खत्म किया जाए सभी दलित गरीब मजदूरों को सरकारी और साहूकार का कर्ज माफ किया जाए। वही 500000 तक के बिना ब्याज के संस्थागत ऋण की व्यवस्था करें स्वयं सहायता समूह और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की ब्याज दर कम करें और जबरन कर्ज वसूली की अपराध घोषित करें साथ सभी दलित गरीब और बीपीएल परिवारों कोरोना काल का बिजली बिल माफ किया जाए और इन परिवारों को 200 यूनिट बिजली मुक्त किए जाएं जानलेवा महंगाई पर रोक लगाओ खाद सामग्री दवा और इलाज के दामों में लगातार हो रही वृद्धि पर रोक लगे गरीब मजदूरों के लिए भी महंगाई भत्ता का प्रधान लाओ 9 शिक्षा स्वास्थ्य निजी करण पर रोक लगा दलित गरीब महिलाओं पर सामंती और दबंग तत्वों के बढ़ते हमलो और अत्याचारों को रोके हम आशा करते हैं कि हमारी किया प्रदर्शन के माध्यम से जो मांग पत्र सुपुर्द किए हैं।

इस पर राष्ट्रपति महोदय द्रोपदी मुर्मू तत्काल करवाई कर गरीबों की जीवन में सुधार करें और प्रखंड कार्यालय में सभा की गई जिसकी अध्यक्षता के ग्राम संयोजक रामअवतार दास धनराज पासवान ने की इस सभा को भाकपा माले लोकल कमेटी बैरिया कामरेड सुरेश चंद्र ठाकुर भाकपा माले सदस्य कामरेड परमानंद प्रियदर्शी छात्र युवा माले नेता कामरेड संदीप कुमार यादव भाकपा माले प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि देश में आज धर्म के आड़ में राजनीति करने वाले अंदानी मोदी की सरकार सत्तासीन है इनके जरिए पूरे देश के कल करखाना निजीकरण किए जा रहे हैं इससे देश के लोकतंत्र महंगाई की मार से पूरा देश त्रस्त है जिसका संपतचक प्रखंड ग्रामीण जनता को भी इसे जबरदस्त प्रभावित है और लोगों के अंदर एक आक्रोश गुस्सा है जिससे 2024 में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले रहे।

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