अपनी महत्वकांक्षा के लिए CM नीतीश ने बिहार को भगवान भरोसे छोड़ा : उपेंद्र कुशवाहा

पटना। विपक्षी गठबंधन ने जब से अपना नाम ‘इंडिया’ रखा है, तब से NDA के तमाम सहयोगी दल लगातार हमला बोलते नजर आ रही है। इसी कड़ी में रालोजद के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने ‘इंडिया’ नाम पर विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि बेटा का नाम कलेक्टर रखने से वो कलेक्टर नहीं बनेगा। विपक्षी को नाम रखने दीजिए। प्रधानमंत्री तो नरेंद्र मोदी ही बनेंगे। बता दे की यह उक्त बाते पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रालोजद सुप्रीमो ने कही। आगे उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी महत्वकांक्षा की वजह से CM नीतीश ने बिहार को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। अब वो अपनी राजनीति के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। अब CM नीतीश राजद के सामने नतमस्तक हैं। बिहार में चारों तरफ अराजकता फैली है। हर दिन गोली मारकर हत्या की जा रही है..बलात्कार हो रहा है। राज्य में फिर से जंगल राज-2 की शुरुआत हो गई है।
आशा कार्यकर्ताओं की मांग को उठाएंगे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता आज राज्यभर में आंदोलन कर रही हैं। उनकी अधिकतर मांगे राज्य सरकार से जुड़ी है। कुछ मांग केंद्र सरकार से है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की मांग को हम उठाएंगे। कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किए। उन्होंने लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान दी, लेकिन सरकार उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया। उपेंद्र कुशवाहा ने आशा कार्यकर्ताओं की मांग का समर्थन करते है। अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो पार्टी आशा के समर्थन में सड़क पर उतरेगी और आंदोलन करेगी। वही लाठीचार्ज के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि आंदोलन करने वाले लोग डरते नहीं है। राज्य सरकार को डेमोक्रेसी को खत्म करने का हक नहीं है।
बिहार में सुखाड़ के हालात
बिहार में सुखाड़ की स्थिति है। अगर यही स्थिति बनी रही तो पूरे राज्य में अकाल की स्थिति बन जाएगी। सरकार को पहले से तैयार रहना था। गांव में बिजली की कटौती बहुत हो गई है। सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राज्य में 2005 के पहले वाली स्थिति लौट रही है। क्योंकि, वो लोग सत्ता में आ गए हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीटों को लेकर जो तय होगा, वो बाद में बताएंगे। लोकसभा में सिर्फ बिहार में ही लड़ेंगे। मणिपुर की घटना बहुत दुःखद है। राज्य और केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए था।

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