लालू ने नीतीश को बताया कठपुतली, कहा- दो लोग गुजरात से बिहार चला रहे, अब इसे बदलना होगा

पटना। राजनीतिक माहौल में गर्मी उस वक्त और बढ़ गई जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे निशाने पर लेते हुए उन्हें “कठपुतली” करार दिया। बुधवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे अब स्वतंत्र रूप से नहीं, बल्कि गुजरात से संचालित हो रहे हैं। लालू यादव की इस टिप्पणी ने बिहार की सियासत में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।
लालू यादव का सोशल मीडिया हमला
लालू यादव ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “अब बिहार सीधा गुजरात से ऑपरेट हो रहा है।” इस टिप्पणी के साथ उन्होंने एक फोटो भी साझा की, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कठपुतली के रूप में दर्शाया गया है। इस चित्रण के जरिए लालू यादव ने यह संकेत दिया कि नीतीश कुमार की सरकार अब अपने निर्णय खुद नहीं ले रही, बल्कि गुजरात से निर्देशित हो रही है।
नीतीश कुमार की राजनीतिक स्थिति पर सवाल
राजद प्रमुख की यह टिप्पणी सीधे-सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक स्वायत्तता पर प्रश्न उठाती है। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को लंबे समय तक एक सशक्त और स्वतंत्र सोच वाले नेता के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में उन्होंने जिस तरह से बार-बार अपनी राजनीतिक दिशा बदली है, उससे उनके फैसलों की निष्पक्षता और नीयत पर सवाल उठते रहे हैं। एनडीए से महागठबंधन, फिर महागठबंधन से एनडीए में लौटना – इन बदलावों ने उनकी साख पर असर डाला है।
दो लोगों के इशारे पर चलने का आरोप
लालू यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि “दो लोग गुजरात से बिहार चला रहे हैं।” हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से इन दो लोगों का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर था। विपक्षी दल लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री केवल नाम मात्र के होते हैं और असली फैसले दिल्ली या गुजरात में लिए जाते हैं। लालू यादव की यह टिप्पणी भी इसी दिशा में एक और तीखा प्रहार है।
बदलाव की मांग
लालू यादव ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा कि “अब इसे बदलना होगा।” इसका सीधा संकेत इस बात की ओर है कि वे चाहते हैं कि बिहार की जनता अब ऐसी सरकार को उखाड़ फेंके जो दूसरों के इशारों पर चले। यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा जा सकता है, जिसमें राजद अपनी भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा है।
सियासी प्रतिक्रिया और संभावित असर
लालू यादव के इस हमले के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर बयानबाजी तेज हो सकती है। संभव है कि जेडीयू और भाजपा की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रियाएं आएं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब लालू यादव ने नीतीश कुमार को निशाने पर लिया हो, लेकिन इस बार का हमला ज्यादा प्रत्यक्ष और प्रतीकात्मक है।
बिहार की राजनीति में नई करवट
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति, कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है। लालू यादव इन सभी मुद्दों को जोड़कर जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्तमान सरकार जनहित से अधिक सत्ता की राजनीति में उलझी हुई है। उनका यह वक्तव्य साफ करता है कि आगामी चुनावों में राजद सत्ता परिवर्तन को मुख्य एजेंडा बनाकर जनता के बीच जाएगा। इस प्रकार लालू यादव का यह बयान न सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है, बल्कि एक नई चुनावी रणनीति की भी शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है। इससे बिहार की सियासत में आगामी दिनों में हलचल और तेज होने की संभावना है।
