अमित शाह के दौरे पर प्रशांत किशोर का तंज, कहा- अब किसके लिए दरवाजा खोलने बिहार आ रहे गृह मंत्री

पटना। बीजेपी के चाणक्य और केंद्रीय गृहमंत्री शनिवार को बिहार दौरे पर आ रहे हैं। राज्य में एनडीए की सरकार बनने के बाद उनका यह पहला बिहार दौरा है। उनके आगमन से पहले चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पदयात्रा कर करे प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी नेता पर बड़ा जुबानी हमला किया है। प्रशांत किशोर ने अमित शाह के बिहार पहुंचने से पहले बीजेपी से सवाल पूछा है। लोकसभा चुनाव अभियान के तहत ओबीसी मोर्चा के सम्मेलन में भाग लेने अमित शाह बिहार आ रहे हैं। इससे पहले 2 फरवरी और 6 फरवरी को पीएम मोदी बिहार दौरे पर आए थे। प्रशांत किशोर ने कहा कि अमित शाह को बताना चाहिए कि अब वह बिहार आ रहे हैं तो राजनीति का दरवाजा किसके किसके लिए खोलेगा क्योंकि दरवाजा बंद करना और खोलना अमित शाह की जिम्मेदारी होती है। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज करते हुए कहा कि नीतीश जी पलटूराम हैं। यह बात बिहार का एक एक बच्चा भी जानता है। मगर ठीक उतना ही बड़ा पलटीमार भाजपा वाले भी हैं। बिहार में आज से कुछ महीने पहले अमित शाह ने लौरिया में एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए चिल्लाकर कहा था कि बिहार का एक-एक आदमी कान खोल कर सुन लें नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं।  अमित शाह से बेतिया के किसी पत्रकार ने ये सवाल पूछा नहीं था, खुद ही खड़ा होकर चिल्ला रहे थे। बोल रहे थे नीतीश के लिए सारे दरवाजे बंद हैं। लेकिन मौजूदा समय में मजाक क्या हो रहा है? प्रशांत किशोर ने कहा कि मजाक यह हो रहा है कि अमित शाह ने दरवाजा तो ठीक बंद किया पर कुंडी लगाना भूल गए। शायद यही वजह है कि  फिर पलट कर नीतीश कुमार उनकी पार्टी के साथ चले गए। उन्होंने पूछा कि बिहार की आज ये दुर्दशा क्यों है?  वो इसलिए है क्योंकि 40 सांसदों का लालच केंद्र के नेताओं को है। बिहार की दुर्गति का कारण आज 50 सांसद बन गए है। 40 सांसदों के लालच में आज देश में कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की हो,  ये दल किसी भी हद के पार जाने को तैयार हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा अति पिछड़ा महासम्मेलन में शामिल होने पटना आ रहे हैं। पालीगंज में इसका आयोजन किया गया है। यही अमित शाह जनसभा को संबोधित करेंगे और प्रदेश के ओबीसी समाज को भारतीय जनता पार्टी का मैसेज देंगे। बिहार में आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा होने के कारण सभी राजनीतिक दलों की नजर ओबीसी और ईबीसी तबके पर लगी हुई है।

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