जाति कोड को लेकर किन्नर समाज ने किया विरोध, ट्रांसजेंडर समाज ने कहा- हमारी कोई जाति नहीं
पटना। बिहार सरकार द्वारा प्रदेश में जातीय जनगणना कराया जा रहा है। जिसका का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होने जा ही है। इसमें जातियों के कोड को लेकर सबसे ज्यादा हंगामा मचा हुआ है। जाति कोड के जारी होने के बाद हंगामा और बढ़ गया है। वही अब बिहार के ट्रांसजेंडर जाति कोड नंबर 22 को लेकर विरोध जता रहे है। उनका कहना है कि ट्रांसजेंडर एक लिंग है यह कोई जाति नहीं है। जबकि राज्य सरकार ने इसे जाति की श्रेणी में रखा है और इसका कोड भी जारी किया है। ट्रांसजेंडर की जाति का कोड 22 रखा गया है। ट्रांसजेंडरों का कहना है कि यदि सरकार इसमें सुधार नहीं करती है तो मजबूरन उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। वही ट्रांसजेंडरों का कहना है कि उनकी पहचान किसी जाति से नहीं है बल्कि लैंगिक तौर पर है। उन्होंने कहा की सरकार जबरन ट्रांसजेंडर को जाति की श्रेणी में रख रहे हैं। किन्नर समाज की प्रतिनिधि रेशमा प्रसाद का भी कहना है कि ट्रांसजेंडर को लैंगिकता के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए ना कि जाति के रुप में। ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट को यदि सरकार नहीं मानती है तो वे कोर्ट में जाएंगे। वही रेशमा प्रसाद ने बताया कि लैंगिकता और जाति दोनों अलग है। हरेक जातियों में किन्नर होते हैं। सरकार को इसे समझना होगा। वही उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर की लैगिंकता को स्वीकार करते हुए अलग से रिजर्वेशन का प्रावधान होना चाहिए। यदि लैंगिक पहचान को छीनकर जातिगत पहचान देने की कोशिश की जाती है तो वे कोर्ट में जाएंगे।