खोइच्छा मिलन देखने को उमड़ी हजारों की भीड़

पटना सिटी। श्री बड़ी देवी जी मारूफगंज और महराजगंज की प्रतिमाओं के मिलन पुरानी सिटीकोर्ट के पास शुक्रवार की रात को हुआ। पौराणिक मान्यता है कि मारूफगंज को बड़ी और महराजगंज को छोटी बहन की मान्यता प्राप्त है। विजयादशमी की रात महराजगंज की बड़ी देवी जी विसर्जन को अपने स्थान से निकल पुरानी सिटीकोर्ट के कुछ पहले आकर खड़ी हो गईं। यहां वह अपनी बड़ी बहन मारूफगंज की बड़ी देवी जी के आने का इंतजार करती हैं। जैसे ही मारूफगंज की बड़ी देवी जी का आगमन होता है पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट और जयकारा से गुंज उठता है। वह छोटी बहन के बगल में आ खड़ी हो जाती हैं। इसके बाद पुष्पवर्षा के साथ दोनों भगवती को माला पहनाया जाता है। खोइच्छा की अदला-बदली होने के बाद महाआरती होती है। इसे संजय भट्ट और उनके भाई पूरा कराते हैं। इस पल को देखने के लिए महिला-पुरुषों की भारी भीड़ उमड़ी। इस दृश्य को देखने को पैर रखने की जगह तक नहीं थी। महाआरती के बाद मारूफगंज की बड़ी देवी जी आगे और महराजगंज की बड़ी देवीजी (छोटी बहन) पीछे भद्र घाट को प्रस्थान कर गईं। भद्र घाट पर भी श्री नवयुवक समिति के अध्यक्ष लल्लू शर्मा और मिथलेश के नेतृत्व में प्रमुख प्रतिमाओं, बैंड बाजा और बेहतर शोभायात्रा लाने वाले को पुरस्कृत किया गया। शनिवार को भी देर रात तक प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर जारी रहा। सिविल डिफेंस के सदस्य रात-दिन मूर्ति विसर्जन में सहयोग करना, दूरदराज से आए हुए मूर्ति को लाइन लगाकर गंगा में विर्सजन कराना, पुलिस एवं एनडीआरएफ के साथ मिलकर आपस में मिलकर सहयोग देना। छोटे -छोटे बच्चे को घाट के किनारे नहीं जाने देने, गंगा के किनारे भीड़ एक जगह ज्यादा जमा नहीं हो, ध्वनि विस्तारक यंत्र से लोगों को दिशा-निर्देश देना आदि कर रहे थे। इनमें
गणेश कुमार, संतोष कुमार, कुन्दन कुमार,अनुराग कुमार, प्रकाश कुमार, तबस्तुम परवीन, श्रवण क़ु सिंह, उमाशंकर पाण्डेय, मयंक शेखर, डॉ अखिलेश कु, राज क़ु राय आदि तैनात थे।

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