कार्तिक पूर्णिमा : बाढ़ और पालीगंज में घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़, गंगा में लगायी आस्था की डुबकी

बाढ़। पटना के बाढ़ में उत्तरायणी गंगा नदी में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अलखनाथ और उमा नाथ गंगा नदी घाट पर ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। वहीं पटना के समीवर्ती जिलों नालंदा, नवादा, शेखपुरा आदि क्षेत्रों से भी लोग निजी वाहनों से यहां पहुंचकर गंगा स्नान किया। नगर के विभिन्न जगहों पर यातायात परिचालन को दुरुस्त करने के लिए अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की गई थी। गंगा घाट पर दिन भर मेले जैसा माहौल रहा। बाढ़ रेलवे स्टेशन परिसर को भी कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अतिक्रमणमुक्त कर साफ सफाई कराई गई थी। इसके लिए रेल सुरक्षा बल की अतिरिक्त टुकड़ी को बुलाया गया था।

पालीगंज में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाएं नदी में डुबकी


पालीगंज। पटना के पालीगंज प्रखंड क्षेत्र के कई नदी घाटों पर शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगायी। प्रखण्ड अंतर्गत समदा गांव स्थित पुनपुन नदी घाट व बहेरिया निरखपुर गांव स्थित लोआई नदी घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर नदी किनारे स्थित शिव मंदिर व सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना किया। वहीं समदा घाट पर काफी भीड़ भाड़ लगी रही। मेले का भी आयोजन किया गया। जबकि मठिया गांव स्थित पुनपुन नदी घाट व महाबलीपुर गांव स्थित सोन नदी घाटी पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।
जानकारी के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक जयंती होने के कारण गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान और दान का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्वर्ग लोक से देवता धरती पर स्थित गंगा नदी घाट पर स्नान करने उतरते हैं। जिसके खुशी में गंगा घाटों को सजाया जाता है। गंगा में स्नान से सभी पापों की मुक्ति मिलती है। वहीं इसके बारे में पुराणों व शास्त्रों में कई कथाओं का उल्लेख किया गया है कि भगवान शंकर के जेष्ठ पुत्र कार्तिकेय के नाम पर कार्तिक पूर्णिमा का आयोजन होता है। कार्तिकेय महाराज ने तारकासुर राक्षस का वध किया था। वहीं यह भी कहा जाता है कि इस दिन तुलसी और महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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