सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर,कई जिलों में इंटरनेट बंद हाई,सिक्योरिटी मोड में है प्रशासन

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मसले पर आने वाले बहुप्रतीक्षित निर्णय को ध्यान में रखते हुए देशभर में अलर्ट घोषित किया जा चुका है विशेष तौर पर हिंदी भाषी राज्यों में प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।अयोध्या पर फैसले को ध्यान में रखते मेरठ और अलीगढ़ सहित प्रदेश के 9 संवेदनशील जिलों में इंटरनेट सेवा (8 नवंबर की रात 12बजे से 9 नवंबर की रात 12बजे तक) बंद रहेगी। प्रशासनिक स्तर पर बताया गया है कि आवश्यकता अनुसार कुछ अवधि के लिए पूरे राज्य की इंटरनेट सेवाएं बंद की जा सकती है।ताकि विघटनकारी एवं समाज विरोधी शक्तियां इसका लाभ न उठा सकें। इसके अलावा राज्यभर में पहले ही धारा 144 कर दी गई। पूरे राज्य में किसी भी स्थान पर 4 लोगों से अधिक के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट आज दशकों पुराने अयोध्या विवाद पर अपना निर्णय सुनाएगा।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि प्रदेश पुलिस पूरी तरह तैयार है। आगरा सहित 21 जिलों को संवेदनशील की सूची में रखा गया है। चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बलों का पहरा रहेगा। हर जिले में अस्थाई जेलें बनाई गई हैं। पूरे प्रदेश में 673 लोगों पर खुफिया एजेंसियों की नजर है। डीजीपी ने बताया कि अयोध्या में सुरक्षा पहले से भी पुख्ता है। पुलिस की सभी इकाइयों का डेरा है। एटीएस और एसटीएफ को लगाया गया है। भारत नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके लिए एसएसबी और कस्टम अधिकारियों से भी बात की गई है, ताकि सघन चेकिंग के बिना कोई नहीं आ सके।

डीजीपी ने बताया कि 21 जिलों की सूची में मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बनारस, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा आदि जिले शामिल हैं। इन जिलों में पैरामिलिट्री फोर्स, पीएसी, आरआरएफ, आरएएफ तैनात की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 नवंबर से 11 नंवबर तक राज्य में सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल कॉलेज व ट्रेनिंग संस्थान बंद रखने के निर्देश दिया है।

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