रोहतास में जदयू नेता के पिता का मर्डर: धारदार हथियार से की हत्या, जमीनी विवाद में हत्या की आशंका

रोहतास। बिहार में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा घटना रोहतास जिले के सासाराम अनुमंडल अंतर्गत तिलौथू प्रखंड के अमरा गांव की है, जहां अज्ञात अपराधियों ने युवा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष राकेश कुमार के पिता पारसनाथ सिंह की धारदार हथियार से हत्या कर दी। यह घटना न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए स्तब्धकारी रही, बल्कि पूरे जिले में सनसनी फैला दी।
गोशाला में हुई हत्या
55 वर्षीय पारसनाथ सिंह हाल ही में अपने गांव में एक गौशाला बनवाकर उसमें मवेशियों की देखभाल कर रहे थे। वे उसी गोशाला में रहते थे और खाली समय में ऑटो रिक्शा भी चलाया करते थे। बुधवार देर रात या गुरुवार सुबह के समय में अज्ञात हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया और धारदार हथियार से उनकी निर्मम हत्या कर दी। जब गांववालों को इस बात की भनक लगी, तो तत्काल पुलिस को सूचित किया गया।
परिवार में पसरा मातम
इस हत्या से पारसनाथ सिंह का पूरा परिवार सदमे में है। उनकी पत्नी शांति देवी की हालत अत्यंत खराब है और वे बार-बार बेसुध हो जा रही हैं। पारसनाथ सिंह के तीन पुत्र हैं, जिनमें सबसे बड़े पुत्र राकेश कुमार उर्फ भोला जदयू के युवा प्रखंड अध्यक्ष हैं। पिता की हत्या से राकेश कुमार और उनके परिजन शोकाकुल हैं और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
जमीनी विवाद की आशंका
स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा है कि यह हत्या संभवतः जमीनी विवाद के कारण की गई हो सकती है। हालांकि पुलिस ने अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है और जांच जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि पारसनाथ सिंह का गांव के ही कुछ लोगों के साथ जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। ऐसे में शक की सुई उसी दिशा में जा रही है, लेकिन पुलिस का कहना है कि बिना ठोस साक्ष्य के कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन हरकत में आ गया। तिलौथू थाना पुलिस के साथ-साथ डीएसपी वंदना मिश्रा भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया और हत्या की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी) की टीम को भी बुलाया गया ताकि मौके से साक्ष्य एकत्र किए जा सकें। यह टीम घटनास्थल से खून के धब्बे, पैरों के निशान, और अन्य संभावित सुराग इकट्ठा कर रही है, जो जांच में सहायक हो सकते हैं।
ग्रामीणों की भीड़ और अफवाहों का दौर
घटना की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए। लोग भय और आक्रोश के मिश्रित भाव में दिखाई दिए। कोई इसे राजनीतिक साजिश बता रहा था तो कोई पारिवारिक रंजिश या जमीन विवाद को हत्या की वजह मान रहा था। अफवाहों का दौर भी शुरू हो गया, लेकिन पुलिस ने सभी से संयम बरतने और जांच पूरी होने तक धैर्य रखने की अपील की है। पारसनाथ सिंह की हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बिहार में आम लोगों की सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर है। जब एक राजनीतिक दल से जुड़े व्यक्ति के पिता को भी सुरक्षित नहीं रखा जा सकता, तो आम जनता की सुरक्षा की स्थिति क्या होगी? प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि इस मामले की त्वरित जांच कर अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार कर न्याय दिलाए। साथ ही, जमीनी विवाद जैसे मामलों की समय रहते निष्पक्ष सुनवाई और समाधान की व्यवस्था की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
