आम आदमी पर पड़ी महंगाई की मार, खुदरा महंगाई दर बढ़ी, चुनावों में बढ़ेगी BJP की मुश्किल

देश। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महंगाई फिर बढ़ने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते एनपीए, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने दिसंबर महीने की महंगाई का आंकड़ा बुधवार को जारी कर दिया है। इसमें बताया गया है कि खुदरा महंगाई लगातार तीसरे महीने बढ़ी है। नवंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.91 फीसदी थी, जो दिसंबर 2021 में बढ़कर 5.59 फीसदी हो गयी है। नवंबर और अक्टूबर में भी महंगाई दर बढ़ी थी। रसोई में इस्तेमाल होने वाले राशन का बिल लगातार बढ़ता जा रहा है। महंगे होते खाने के तेल से आम आदमी की कमर टूट गई है। रही-सही कसर महंगे पेट्रोल और बिजली ने कर दी है। इसके चलते दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.59% पर पहुंच गई है। ये भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई महंगाई दर की अधिकतम सीमा के बेहद करीब का आंकड़ा है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। इसके हिसाब से खाद्यान्न और राशन की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते महंगाई दर बढ़ी है। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 4.05% हो गई है। जो नवंबर 2021 में 1.87% ही थी। सरकार के आंकड़ों के हिसाब से दिसंबर 2021 में बीते साल दिसंबर की तुलना में सब्जियों की महंगाई दर घटी है और इसमें 2.99% की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि इस अवधि में खाद्य तेलों की महंगाई दर 24.32% बढ़ गई है और ईंधन एवं बिजली की महंगाई दर भी 10.95% रही है।
इससे पहले नवंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 4.91%, अक्टूबर में 4.48% रही थी। जबकि सितंबर 2021 में ये अगस्त 2021 की तुलना में घटकर 4.35% पर आ गई थी। अगस्त 2021 में ये आंकड़ा 5.3% था। जबकि बीते साल दिसंबर 2020 में ये दर 4.59% थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई दर के लिए 4% का लक्ष्य तय किया है। इसमें 2% ऊपर और नीचे जाने का मार्जिन रखा गया है। इस तरह दिसंबर 2021 की खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक की अधिकतम सीमा के बेहद करीब पहुंच गई है। जबकि महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रिजर्व बैंक ने 9 बार से रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। वही 60 प्रतिशत आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में औसत बेरोजगारी दर भी 2021 में बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो गयी, जबकि 2019 में यह 6.8 फीसदी रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों को बढ़ती महंगाई से भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।