भारत करेगा 5वें कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट की मेजबानी, 2027 में चेन्नई में होगा आयोजन
नई दिल्ली। भारत को समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। वर्ष 2027 में भारत कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट (सीजीजीएस) के पांचवें संस्करण की मेजबानी करेगा। यह घोषणा हाल ही में इटली की राजधानी रोम में आयोजित चौथे कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट के दौरान की गई। खास बात यह रही कि भारत के प्रस्ताव को सभी प्रतिभागी देशों ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी। यह भारत के लिए न केवल एक उपलब्धि है बल्कि वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है।
चेन्नई बनेगा आयोजन स्थल
समिट का आयोजन 2027 में भारत के चेन्नई शहर में किया जाएगा। यह अवसर भारतीय कोस्ट गार्ड के लिए और भी खास होगा क्योंकि उस समय संगठन अपनी गोल्डन जुबली यानी 50वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस समिट में कई बड़े कार्यक्रम होंगे जिनमें इंटरनेशनल कोस्ट गार्ड फ्लीट रिव्यू और वर्ल्ड कोस्ट गार्ड सेमिनार प्रमुख आकर्षण होंगे।
भारत की पहल को मिली वैश्विक स्वीकृति
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंडियन कोस्ट गार्ड के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने किया। उन्होंने रोम में आयोजित समिट में यह घोषणा की कि भारत 2027 में पांचवें संस्करण की मेजबानी करेगा। उनकी इस घोषणा का सभी देशों ने स्वागत किया और एक स्वर में भारत को यह जिम्मेदारी सौंपने पर सहमति दी। इससे यह साफ होता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं और नेतृत्व पर भरोसा करता है।
समिट का उद्देश्य
इस समिट का मुख्य मकसद विभिन्न देशों के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाना है। आज की दुनिया में समुद्री चुनौतियां किसी एक देश तक सीमित नहीं रहतीं। समुद्री प्रदूषण, तस्करी, अवैध मछली पकड़ना, समुद्री डकैती और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे सभी देशों को प्रभावित करते हैं। ऐसे में यह मंच देशों को एक साथ आने और साझा रणनीति बनाने का अवसर प्रदान करेगा।
वैश्विक सहयोग और आपसी तालमेल
महानिदेशक परमेश शिवमणि ने कहा कि मौजूदा समय में कोई भी देश अकेले समुद्री चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता। सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। इस समिट से आपसी विश्वास, इंटरऑपरेबिलिटी यानी आपसी तालमेल और तकनीकी सहयोग को मजबूती मिलेगी। विभिन्न देशों के कोस्ट गार्ड आपसी अनुभव साझा करेंगे और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में नई रणनीतियां बनाएंगे।
चौथे समिट में भारत की सक्रिय भूमिका
रोम में आयोजित चौथे समिट के दौरान भारतीय और इटैलियन कोस्ट गार्ड प्रमुखों के बीच विशेष बैठक भी हुई। यह बातचीत भारत-इटली सामरिक कार्य योजना 2025-2029 के तहत हुई। दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा, बचाव कार्य, पर्यावरण संरक्षण, अपराध रोकथाम, सूचना साझा करने और प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। यह सहयोग भविष्य में भारत के लिए और भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
भारत की बढ़ती भूमिका
भारत पहले भी कई बार समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर सक्रियता दिखाता रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में उसकी रणनीतिक स्थिति बेहद अहम है। इसीलिए भारत को अक्सर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चर्चाओं में नेतृत्व की भूमिका निभानी पड़ती है। कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट की मेजबानी मिलने से भारत की यह स्थिति और मजबूत हो गई है।
आर्थिक और रणनीतिक महत्व
यह समिट न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। समुद्री मार्ग दुनिया के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा वहन करते हैं। ऐसे में इन मार्गों की सुरक्षा सभी देशों के लिए जरूरी है। यदि समुद्री मार्ग सुरक्षित रहेंगे तो व्यापार और निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा। भारत के लिए यह अवसर है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सके। कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट 2027 भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा। चेन्नई में आयोजित होने वाला यह आयोजन भारत की कूटनीतिक, रणनीतिक और सुरक्षा क्षमता को दुनिया के सामने पेश करेगा। यह केवल भारतीय कोस्ट गार्ड की उपलब्धियों का उत्सव नहीं होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर सहयोग, साझेदारी और आपसी विश्वास को मजबूत करने का भी मंच बनेगा। आने वाले समय में भारत की यह मेजबानी न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगी बल्कि समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी भूमिका को और मजबूत करेगी।


