October 28, 2025

भारत और वेस्टइंडीज का दूसरा टेस्ट कल से, टीम में नहीं होगा कोई बदलाव, मैनेजमेंट ने युवाओं पर जताया भरोसा

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला शुक्रवार, 10 अक्टूबर से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाएगा। पहले टेस्ट में भारत ने अहमदाबाद में जीत हासिल करके सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। ऐसे में वेस्टइंडीज के लिए यह मुकाबला दबावपूर्ण स्थिति लेकर आया है क्योंकि उन्हें सीरीज में वापसी करनी है। वहीं, भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अपने खिलाड़ियों में निरंतरता बनाए रखने का निर्णय लिया है और उसी प्लेइंग इलेवन को चुना है, जो पहले टेस्ट में खेले थे।
टीम इंडिया का चयन और रणनीति
टीम इंडिया के असिस्टेंट कोच रायन टेन डोएशे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली टेस्ट में टीम संभावित रूप से बिना किसी बदलाव के उतरेगी। उन्होंने कहा कि टीम का मुख्य उद्देश्य संतुलन बनाए रखना है और खिलाड़ियों को विदेशी परिस्थितियों में अनुभव और अभ्यास का अवसर देना है। विशेष रूप से सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी को ग्रूमिंग का अवसर दिया जाएगा ताकि वे टेस्ट क्रिकेट में अपने कौशल को और निखार सकें। रायन टेन डोएशे ने कहा कि विदेशी दौरों में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। पिछले हफ्ते नितीश पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था, इसलिए इस टेस्ट में उन्हें और खेलने का मौका मिलेगा। कोच का मानना है कि नितीश ने पहले ही ऑस्ट्रेलिया में अपने बल्लेबाजी और गेंदबाजी कौशल का प्रदर्शन किया है और अब उन्हें विदेशी परिस्थितियों में लगातार खेलने का अनुभव प्राप्त होगा।
नितीश कुमार रेड्डी की भूमिका
नितीश रेड्डी इस सीरीज में टीम के संतुलन के लिए महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित होंगे। उनका मुख्य कार्य तेज गेंदबाजी के साथ-साथ मध्यक्रम में टीम को स्थिरता प्रदान करना है। रायन टेन डोएशे ने कहा कि इस सीरीज से नितीश अपने गेंदबाजी स्किल और बल्लेबाजी प्रदर्शन दोनों को बेहतर कर सकते हैं। विदेशी दौरे के बीच खिलाड़ियों को खेलने का पर्याप्त समय मिलना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन नितीश को यह मौका टीम मैनेजमेंट द्वारा दिया जाएगा। कोच ने यह भी स्पष्ट किया कि इस टेस्ट में युवा खिलाड़ियों को बैक करने का उद्देश्य केवल उनका विकास करना नहीं है, बल्कि टीम के संतुलन को बनाए रखना भी है। नितीश की क्षमता को देखते हुए उन्हें पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी कि वे टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
टीम इंडिया की संभावित प्लेइंग इलेवन
यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, नितीश कुमार रेड्डी, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज
इस संयोजन से टीम ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी में संतुलन बनाए रखा है। कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम का फोकस स्थिर प्रदर्शन और विदेशी परिस्थितियों में निरंतरता बनाए रखने पर रहेगा।
युवा खिलाड़ियों को अवसर
टीम मैनेजमेंट का यह निर्णय युवा खिलाड़ियों को मौका देने और अनुभवी खिलाड़ियों के अनुभव का लाभ लेने की रणनीति का हिस्सा है। नितीश रेड्डी जैसे युवा तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर टीम में लंबे समय तक योगदान देने की क्षमता रखते हैं। इस टेस्ट के माध्यम से उन्हें उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा का अनुभव मिलेगा, जिससे भविष्य में भारतीय टीम के लिए मजबूत विकल्प तैयार होंगे। इस प्रकार, भारत और वेस्टइंडीज के बीच दिल्ली टेस्ट केवल सीरीज के परिणाम का निर्णायक नहीं होगा, बल्कि टीम के युवा खिलाड़ियों के विकास और टीम संतुलन बनाए रखने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। टीम मैनेजमेंट ने खिलाड़ियों की निरंतरता, संतुलन और विदेशी परिस्थितियों में अनुभव को प्राथमिकता दी है। नितीश रेड्डी जैसे युवा खिलाड़ियों को मौके देने से टीम के भविष्य के लिए मजबूत आधार तैयार होगा। फैंस को उम्मीद है कि टीम इंडिया अपने प्रदर्शन को दोहराएगी और सीरीज में बढ़त बनाए रखेगी।

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