पटना में ऑनलाइन जॉब के नाम पर लोगों को शिकार बना रहे साइबर अपराधी, व्हाट्सएप से हो रही ठगी

- इंस्टाग्राम पर लाइक और फॉलो करने के एवज में रुपए देने का लालच देते हैं अपराधी, टेलीग्राम ग्रुप से भी हो रही ठगी
पटना। साइबर अपराधी अब जॉब वर्क के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। लोगों को प्रलोभन भरे मैसेज भेजते हैं। घर बैठे कमाई का लालच दे अपना शिकार बना रहे हैं। इसके लिए साइबर अपराधियों ने व्हाट्सएप को अपना हथियार बना लिया है। जॉब वर्क के जरिए ठगी का नया मामला सामने आया है। लखीसराय के रहने वाले एक युवक को झांसा देकर अलग-अलग किस्तों में उससे 4 लाख 3 हजार रुपए ठग लिए गए। जब तक ठगे जाने को पता युवक को चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी। ठगी का शिकार युवक कंपटेटिव एग्जाम की तैयारी करता है। इसके असली पहचान को हम जाहिर नहीं कर रहे हैं। इसके मोबाइल नंबर पर व्हाट्स एप के जरिए 17 जुलाई को एक मैसेज आया था। जिसे अनजान नंबर के जरिए भेजा गया था। युवक के अनुसार इंस्टाग्राम पर पोस्ट फॉलो करने के लिए उसे रुपए देने की बात मैसेज के जरिए कही गई थी। इस काम के लिए उससे कोई रुपए नहीं मांगे गए थे। इसी वजह से युवक झांसे में आ गया। जब उसने 2 पोस्ट को लाइक और फॉलो किया तो विश्वास दिलाने के लिए साइबर अपराधियों ने युवक के अकाउंट में 150 रुपए भेज दिया। इससे युवक झांसे में आ गया। 18 जुलाई को युवक को फिर से फ्री में इंस्टाग्राम पर टास्क मिले। उसने दो टास्क पूरा किया भी। इसके एवज में उसके अकाउंट में 250 रुपए भेजे गए। इससे युवक का विश्वास और बढ़ गया। शातिराना खेल की असल शुरूआत 19 जुलाई से होती है। युवक को उस दिन टास्क तो मिलता है पर उसके एवज में उससे 1 हजार रुपए की मांग की जाता है। कॉल कर साइबर अपराधी उसे बताते हैं कि यह टास्क पेड है। इसके एवज में आपको 1300 रुपए मिलेंगे। टास्क पूरा करने पर वो रुपए उसके अकाउंट में भेज दिए गए थे।
3 हजार से लेकर फिर 3 लाख तक पहुंच गए
युवक को साइबर अपराधी दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल और मैसेज कर रहे थे। व्हाट्सएप के बाद उसे टेलीग्राम पर बनाए गए ग्रुप में जोड़ दिया। इसके बाद 3 हजार रुपए का पेड टास्क दिया। पर टास्क पूरा करने के बाद उसे रुपए नहीं दिए गए। पूछने पर साइबर अपराधियों ने कहा कि एक-दो टास्क और करना होगा, तब पूरे रुपए मिलेंगे। इसके बाद पहले 30 हजार का पेड टास्क दिया। फिर 1 लाख रुपए का और अंत में 3 लाख रुपए का। युवक को अपने फंसे हुए रुपए निकालने थे। यही सोच कर वो साइबर अपराधियों की बातों को मानता गया। लेकिन, उसे रुपए नहीं मिले। जब उसे एहसास हुआ कि वो ठगा जा चुका है तो तब तक देर हो चुकी थी। जिन नंबरों से उसे कॉल और मैसेज आते थे, वो बंद मिले।
साइबर सेल ने कार्रवाई कर बचा लिए रुपए
ठगी के शिकार युवक ने 4 लाख 3 हजार रुपए साइबर अपराधियों के चक्कर में गवां दिए थे। गलती का एहसास होने पर उसने अपने पेरेंट्स को बताया। तब पिता ने अपने एक दोस्त से बात की। जो बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं। उनकी सलाह के बाद 22 जुलाई को हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल किया। पूरे मामले की जानकारी दी। तब आॅनलाइन कंप्लेन दर्ज हुई। तेजी से कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल ने बैंक से बात की। जिन अकाउंट्स में रुपए भेजे गए थे। उसका पता लगाया। अब युवक से ठगे गए रुपयों को होल्ड करा लिया गया है।
