गृहमंत्री का पटना में हमला, बोले- कांग्रेस के कारण पटेल को भारत रत्न देर से मिला, मोदी ने उनको दी सच्ची श्रद्धांजलि
 
                पटना। गृह मंत्री अमित शाह ने पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत और राष्ट्रीय एकता में उनके योगदान पर विस्तार से बात की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हालांकि बिहार में चुनावी माहौल है, लेकिन यह प्रेस वार्ता मुख्य रूप से सरदार पटेल की जयंती से जुड़े राष्ट्रीय एकता दिवस के आयोजन की जानकारी देने के उद्देश्य से की गई है। इस दौरान शाह ने कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को सरदार पटेल की विचारधारा के आगे बढ़ाने वाला बताया।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस
अमित शाह ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि पटेल ने आज़ादी के बाद देश को सैकड़ों रियासतों से जोड़कर एक राष्ट्र बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उनकी 150वीं जयंती को विशेष समारोह का रूप दिया गया है। गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि अब हर वर्ष 31 अक्टूबर को एक भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा। इस परेड में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा राज्य पुलिस बलों के जवान भाग लेंगे और अपने कौशल, अनुशासन और राष्ट्र सेवा की भावना का प्रदर्शन करेंगे। शाह के अनुसार यह आयोजन केवल परेड भर नहीं है, बल्कि देश की एकता, अखंडता और शक्ति का प्रतीक है।
सरदार पटेल और कांग्रेस पर आरोप
अमित शाह ने अपने वक्तव्य में कहा कि सरदार पटेल को भारत रत्न सम्मान देने में 40 वर्ष की देरी की गई। उनका सीधा आरोप था कि यह देरी कांग्रेस के कारण हुई। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के निधन के बाद कांग्रेस ने उन्हें धीरे-धीरे राजनीतिक परिदृश्य से हटाने की कोशिश की। न उनके नाम पर कोई भव्य स्मारक बना और न ही कोई विशेष राष्ट्रीय स्मृति स्थल। शाह के अनुसार सरदार पटेल जैसे महान राष्ट्रीय नेता, जिन्होंने भारत के एकीकरण का कठिन कार्य किया, उन्हें भारत रत्न देने में इतनी देरी करना अपने आप में राजनीतिक दुर्भावना का प्रतीक रहा।
मोदी द्वारा सरदार पटेल को श्रद्धांजलि
अमित शाह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सरदार पटेल के सम्मान को उचित स्थान दिलाने की ठानी। इसी भावना के परिणामस्वरूप स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण हुआ, जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। यह प्रतिमा केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। शाह ने कहा कि यह नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार पटेल को दी गई सबसे बड़ी और सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रतिमा ने दुनिया भर में भारत की एकता और राष्ट्रीय गौरव की नई पहचान स्थापित की है।
बिहार के लिए राजनीतिक संदेश
अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल किसान नेता होने के साथ-साथ दृढ़ निर्णय क्षमता वाले जननायक थे। बिहार के ग्रामीण मतदाता वर्ग के बीच पटेल की यह छवि गहरी है। शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरदार पटेल की विरासत को राष्ट्रीय एकता और विकास के अभियान से जोड़ना चाहती है। इससे ग्रामीण और किसान वर्ग में भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा। भाजपा का उद्देश्य है कि पटेल की छवि को मजबूत नेतृत्व, निर्णायक कार्रवाई और प्रशासनिक क्षमता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जाए, जिसे मौजूदा सरकार में प्रधानमंत्री मोदी के रूप में देखा जा सकता है।
पार्टी संगठन और मिशन 2025
अमित शाह ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के कार्यक्रमों के साथ पार्टी संगठन को बूथ स्तर पर और मजबूत करने की रणनीति भी जुड़ी हुई है। बिहार में भाजपा मिशन 2025 की तैयारी में है, जिसमें संगठनात्मक विस्तार, मतदाता संपर्क अभियान और राष्ट्रीय मुद्दों को स्थानीय स्तर पर जोड़ने पर जोर दिया जाएगा। शाह ने कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा पार्टी के लिए जनसम्पर्क और जनजागरण का आधार बनेगी। अमित शाह के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य सरदार पटेल की विरासत को केवल इतिहास का विषय न मानकर उसे वर्तमान राजनीतिक विमर्श और राष्ट्रीय भावना से जोड़ना था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरदार पटेल केवल एक नेता नहीं, बल्कि भारत की एकता और पहचान के निर्माता थे। शाह ने कांग्रेस पर उन्हें उपेक्षित करने का आरोप लगाया और मोदी को उनकी विरासत का सही वाहक बताया। उनका यह संदेश राजनीतिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक स्तर पर जनता को संबोधित करता है, जो चुनावी रणनीति का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        