October 29, 2025

पूर्णिया में दुर्गा पंडाल में घुसी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो, पुजारी की मौत, चार घायल

पूर्णिया। जिले के बायसी थाना क्षेत्र का बैरिया गांव उस समय शोक में डूब गया जब दशहरा पर्व पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन की तैयारी के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। पूजा पंडाल में श्रद्धालु माता की आराधना में लीन थे कि तभी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो गाड़ी बेकाबू होकर सीधे पंडाल में जा घुसी। इस भीषण हादसे में गांव के पुजारी भगवत मंडल की मौत हो गई, जबकि चार महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।
हादसे के हालात
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार की शाम को बैरिया गांव में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन की तैयारी चल रही थी। पुजारी भगवत मंडल पूरे विधि-विधान से पूजा कार्य में व्यस्त थे और बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे। तभी गांव का ही एक युवक अपनी स्कॉर्पियो लेकर वहां पहुंचा। अचानक गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह पंडाल में घुस गई। गाड़ी पंडाल को तोड़ते हुए दूसरी ओर से निकलकर पास के खेत में पलट गई।
पुजारी की मौत और घायलों की स्थिति
इस हादसे में पुजारी भगवत मंडल गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। चार महिलाएं भी गंभीर रूप से जख्मी हुईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद पूर्णिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसके अलावा गाड़ी पर सवार तीन लोग भी चोटिल हुए हैं।
मौके पर मची अफरा-तफरी
गाड़ी के पंडाल में घुसते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। ग्रामीणों ने गाड़ी चालक और उसके दो साथियों को पकड़ लिया था, लेकिन थोड़ी देर बाद उनके परिजन वहां पहुंच गए और भीड़ से उन्हें छुड़ाकर ले गए। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने घटना स्थल पर हंगामा भी किया।
प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में लिया। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई ताकि आगे कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस ने मृतक पुजारी का शव अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था भी की गई। पुलिस का कहना है कि गाड़ी चालक और उसके साथियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की जा रही है और सभी पहलुओं पर विचार कर कार्रवाई होगी।
त्योहार और सुरक्षा का संतुलन
यह हादसा दशहरा जैसे पवित्र पर्व पर हुआ, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। त्योहार जहां खुशी और उल्लास का प्रतीक होते हैं, वहीं यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रशासन और आयोजकों दोनों की होती है। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि जरा-सी लापरवाही भी बड़ा नुकसान कर सकती है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
गांव के लोगों ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और कहा कि इस तरह की लापरवाही से पर्व-त्योहार का आनंद मातम में बदल जाता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। मृतक पुजारी भगवत मंडल के निधन से पूरा गांव गमगीन है। वे न केवल एक धार्मिक व्यक्ति थे, बल्कि गांव के सामाजिक जीवन से भी गहराई से जुड़े हुए थे।
प्रशासन का आश्वासन
स्थानीय प्रशासन ने गांववासियों को भरोसा दिलाया है कि घायलों का पूरा इलाज कराया जाएगा और मृतक पुजारी के परिवार को न्याय व सहायता दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय अपनाए जाएंगे। पूर्णिया का यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी भी है। पर्व और उत्सव लोगों को जोड़ते हैं, लेकिन सुरक्षा की अनदेखी उन्हें त्रासदी में बदल सकती है। पुजारी भगवत मंडल की मौत और कई लोगों के घायल होने की यह घटना हर किसी को सोचने पर मजबूर करती है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था कितनी जरूरी है। अब आवश्यकता है कि प्रशासन, आयोजक और आमजन सभी मिलकर ऐसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें, जिससे भविष्य में कोई भी पर्व मातम में न बदले।

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