पटना समेत 15 जिलों में तेज हवा के साथ भारी बारिश का अलर्ट, वज्रपात से मौसम विभाग ने किया सावधान

पटना। बिहार में मानसून ने एक बार फिर अपनी पूरी ताकत के साथ दस्तक दी है। बीते कुछ दिनों से आसमान से लगातार गिरती बारिश और तेज हवाओं ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी वर्षा और वज्रपात की चेतावनी जारी की है, जिससे आम नागरिकों के साथ-साथ प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है।
कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. सीएन प्रभु के अनुसार, बिहार के 15 से अधिक जिलों में मौसम का मिज़ाज बिगड़ चुका है। सिवान, सारण, पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, गया, नालंदा, लखीसराय और मुंगेर जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में न केवल मूसलधार बारिश की संभावना है, बल्कि वज्रपात और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का भी अनुमान जताया गया है। दूसरी ओर, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, जमुई, बांका, दरभंगा, मधुबनी और गोपालगंज जैसे जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। यह चेतावनी लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक बाहर न निकलने की सलाह देती है।
पटना बना जल नगरी
राजधानी पटना की स्थिति सबसे अधिक दयनीय बनी हुई है। सोमवार को हुई मूसलधार बारिश ने शहर की सूरत ही बदल डाली। गलियां तालाब बन गईं, चौराहे झील में तब्दील हो गए। डाकबंगला चौराहा, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर और पटना सिटी जैसे इलाके जलमग्न हो गए। आम लोग पैदल चलने में भी लाचार नजर आए। ऑटो और बाइकें बीच सड़क में फंस गईं। निकाय व्यवस्था की पोल एक बार फिर बारिश ने खोल कर रख दी है।
अधूरी तैयारी और प्रशासनिक विफलता
शहर में जलनिकासी की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। जिन इलाकों में पंप लगाए गए थे, वहां अधिकांश या तो काम नहीं कर रहे थे या देर से चालू किए गए। नालों की समय पर सफाई न होने के कारण पानी का बहाव रुक गया और गंदगी सड़कों पर फैल गई। मौसम विभाग द्वारा पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था, बावजूद इसके निकाय व्यवस्था सक्रिय नहीं हो सकी।
कृषि क्षेत्र के लिए राहत की उम्मीद
जहां शहरों में बारिश ने आफत मचाई है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है। भागलपुर में 62 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में गिरावट आई और मौसम सुहावना हो गया। खरीफ फसलों की बुआई के लिए यह मौसम अनुकूल माना जा रहा है। मौसम विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे नीची और मध्यम भूमि में धान की रोपाई शुरू कर सकते हैं।
आगामी 48 घंटे चुनौतीपूर्ण
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 48 घंटे और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। कई जिलों में तेज बारिश के साथ-साथ आकाशीय बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं। खासकर नवादा, जमुई और मुंगेर में येलो अलर्ट के तहत विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले मैदानों से दूर रहें और मौसम अपडेट पर नज़र रखें। बिहार में मानसून ने जहां एक ओर खेतों को हरियाली देने का वादा किया है, वहीं शहरों को जलजमाव और अव्यवस्था की मार झेलनी पड़ रही है। प्रशासन को चाहिए कि वह समय रहते सतर्क हो और मानसून से पहले की तैयारियों को और बेहतर बनाए। लोगों की सुरक्षा और राहत के लिए तत्परता ज़रूरी है, क्योंकि प्राकृतिक आपदा चेतावनी देकर नहीं आती, लेकिन उसके असर को कम किया जा सकता है यदि व्यवस्था चुस्त और ज़िम्मेदार हो।

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