प्रदेश के 6 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, पटना में बादल छाए, कई नदियों का बढ़ा जलस्तर

पटना। बिहार में मानसून की गति फिलहाल धीमी पड़ गई है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में गर्मी और उमस बढ़ गई है। हालांकि मौसम विभाग ने राज्य के छह जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, जहां आज हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राजधानी पटना सहित कई क्षेत्रों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को बारिश की उम्मीद बनी हुई है।
छह जिलों में यलो अलर्ट, बारिश के संकेत
मौसम विभाग के अनुसार बांका, जमुई और उनके आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पटना, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, वैशाली और औरंगाबाद जैसे जिलों में भी बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश की संभावना कम जताई जा रही है। फिलहाल अधिकतर जिलों में सामान्य से 50 प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज की गई है, जिससे कृषि पर भी असर पड़ने की आशंका है।
गंगा और गंडक का बढ़ा जलस्तर
नेपाल में लगातार हो रही बारिश का असर बिहार की नदियों पर दिखाई दे रहा है। राजधानी पटना में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में दीघा घाट पर 22 सेंटीमीटर और गांधी घाट पर 21 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है। वहीं, गोपालगंज के डुमरिया घाट पर गंडक नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया है, जिससे आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। बुधवार को सुबह 6 बजे डुमरिया घाट पर जलस्तर 61.80 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान से महज 42 सेंटीमीटर नीचे है। इससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।
अभी और बढ़ सकती है गर्मी
बीते कुछ दिनों में बारिश न होने से तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। औरंगाबाद जिले का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो राज्य में सबसे अधिक था। छपरा में 36.8 डिग्री, मोतिहारी में 34.0 डिग्री और बांका में सबसे कम 30.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की और वृद्धि का अनुमान जताया है, जिससे गर्मी और उमस और बढ़ने की संभावना है।
बारिश की कमी का कारण और भविष्य की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस समय बंगाल की खाड़ी के ऊपर कोई मजबूत मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिससे बारिश की गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। साथ ही, अरब सागर से आने वाली पश्चिमी हवाएं और बंगाल की खाड़ी की दक्षिण-पूर्वी हवाओं के बीच टकराव नहीं हो रहा है, जिसके चलते बादल नहीं बन पा रहे हैं। इसके अलावा, मानसूनी ट्रफ लाइन भी दक्षिण की ओर झुकी हुई है, जिससे झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बारिश हो रही है, लेकिन बिहार इससे अछूता रह गया है।
सावन में भी बारिश की कमी
राज्य में सावन महीने की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश बहुत कम हुई है। पिछले चार वर्षों से यही स्थिति बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सावन के शुरुआती 15 दिनों में बारिश नहीं होती, लेकिन इसके बाद ट्रफ लाइन के स्थान परिवर्तन से बारिश की गतिविधियां शुरू होती हैं। 16 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम बनने की संभावना है, जिससे मानसून फिर से सक्रिय हो सकता है। 20 जुलाई के बाद राज्य में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। बिहार में मानसून की धीमी चाल और बारिश की कमी से राज्य के कई हिस्सों में गर्मी और सूखे जैसे हालात बनते जा रहे हैं। हालांकि मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, आगामी सप्ताह से मौसम में बदलाव संभव है। ऐसे में लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन साथ ही नदियों के बढ़ते जलस्तर से सतर्कता भी जरूरी है।

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