जीएसटी 2.0 में क्रिकेट फैंस को झटका: आईपीएल के मैच देखने पर लगेगी 40 फीसदी जीएसटी, 65 पर्सेंट महंगी होगी टिकट

नई दिल्ली। भारत सरकार ने हाल ही में जीएसटी 2.0 का ऐलान किया है। इस नए सुधार में जहां कई चीजें सस्ती हो गई हैं, वहीं क्रिकेट प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है। खासकर उन लोगों को, जो हर साल इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के मैच स्टेडियम में जाकर देखने का शौक रखते हैं। अब उन्हें टिकट के दाम पहले से कहीं ज्यादा चुकाने होंगे।
आईपीएल टिकट पर 40 प्रतिशत जीएसटी
जीएसटी 2.0 में खेल आयोजनों की टिकटों को भी नए टैक्स स्लैब में शामिल किया गया है। पहले तक आईपीएल जैसी लीग के टिकट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता था। इसमें 14 प्रतिशत केंद्र सरकार और 14 प्रतिशत राज्य सरकार को जाता था। लेकिन अब आईपीएल टिकट को लग्जरी या गैर-जरूरी चीजों में गिना गया है, इसलिए इस पर टैक्स दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है।
एंटरटेनमेंट टैक्स का भी बोझ
कुछ राज्यों में पहले से ही एंटरटेनमेंट टैक्स लिया जाता है। यह दर 25 प्रतिशत तक हो सकती है। ऐसे में अब यदि कोई दर्शक आईपीएल का टिकट खरीदता है तो उसे 40 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 25 प्रतिशत तक एंटरटेनमेंट टैक्स भी देना होगा। इसका मतलब है कि एक टिकट पर कुल टैक्स बोझ 65 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
टिकट की कीमत पर सीधा असर
अगर कोई दर्शक पहले 1000 रुपये की टिकट खरीदता था तो उसे 1280 रुपये चुकाने पड़ते थे, क्योंकि उस पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू होता था। लेकिन अब वही टिकट 1400 रुपये की पड़ेगी। इसी तरह 500 रुपये की टिकट अब 700 रुपये तक पहुंच जाएगी। इसका कारण यह है कि न तो आईपीएल फ्रेंचाइजी और न ही बीसीसीआई अपनी कमाई में कमी करना चाहेंगे। इसका सीधा असर आम दर्शकों की जेब पर पड़ेगा।
आईपीएल को लग्जरी इवेंट क्यों माना गया
जीएसटी 2.0 के तहत जिन गतिविधियों को 40 प्रतिशत स्लैब में रखा गया है, उनमें कैसिनो, रेस क्लब, महंगे लग्जरी सामान और गैर-जरूरी चीजें शामिल हैं। सरकार का मानना है कि आईपीएल एक ऐसा इवेंट है जिसे मनोरंजन और लग्जरी श्रेणी में रखा जाना चाहिए, न कि आवश्यक सेवाओं में। यही वजह है कि इस पर टैक्स दर बढ़ाई गई है।
राज्यों के हिसाब से अलग असर
टिकट कीमतों पर असर राज्य दर राज्य अलग-अलग होगा। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जहां पहले से ही 25 प्रतिशत एंटरटेनमेंट टैक्स लिया जाता है, वहां टिकट की कीमत और भी अधिक बढ़ जाएगी। यानी अगर वहां कोई व्यक्ति 500 रुपये का टिकट खरीदता है तो उसे 700 रुपये तक चुकाने पड़ सकते हैं।
इंटरनेशनल मैच अभी सस्ते
दिलचस्प बात यह है कि यह नियम केवल आईपीएल और अन्य निजी लीगों पर लागू होगा। इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों की टिकटें अभी भी 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रहेंगी। यानी अगर कोई दर्शक भारत और किसी अन्य देश के बीच होने वाला अंतरराष्ट्रीय मैच देखना चाहता है तो उसे पहले जैसी ही दरों पर टिकट मिलेगी। इससे साफ है कि सरकार ने आईपीएल जैसे व्यावसायिक टूर्नामेंट को निशाने पर रखा है।
फैंस की जेब पर असर और भविष्य की चिंता
क्रिकेट प्रेमियों के लिए स्टेडियम में जाकर मैच देखना अब पहले जितना आसान नहीं रहेगा। बढ़े हुए टैक्स की वजह से टिकट की कीमतें इतनी ज्यादा हो जाएंगी कि मध्यम वर्ग के लोग सोच-समझकर ही टिकट खरीदेंगे। यह भी संभव है कि इससे स्टेडियम में भीड़ कम हो और दर्शक टीवी या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मैच देखना ज्यादा पसंद करें। जीएसटी 2.0 के लागू होने से जहां कई सेक्टरों को राहत मिली है, वहीं क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह बड़ा झटका साबित हुआ है। खासकर आईपीएल जैसी लोकप्रिय लीग के टिकट महंगे होने से लाखों फैंस की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। सरकार का इरादा लग्जरी गतिविधियों से अधिक टैक्स जुटाने का है, लेकिन इसका सीधा असर उन दर्शकों पर पड़ेगा जो क्रिकेट को उत्सव की तरह जीते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि 2026 से लागू होने वाले इस नियम के बाद आईपीएल के प्रति लोगों की दिलचस्पी में कोई बदलाव आता है या नहीं।
