शिक्षकों के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार कर रही महागठबंधन सरकार : प्रभाकर

  • नित्य नए प्रयोग ने पठन-पाठन व्यवस्था को किया चौपट, लोकतंत्र का गला घोंट रही महागठबंधन सरकार : प्रभाकर

पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने महागठबंधन सरकार पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को सरकार ने नौटंकी का मंच बना दिया है। जहां रोज नया तमाशा हो रहा है। मिश्र ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि शिक्षा विभाग में इतने प्रयोग किये जा रहे हैं कि पठन-पाठन का माहौल पूरी तरह चौपट हो गया है। हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। कब कौन-सा तुगलकी फरमान जारी कर दिया जायेगा, कहना मुश्किल है। ऐसे में सहज ही समझा जा सकता है कि शिक्षक कितने मानसिक तनाव में रहते होंगे। क्या ऐसी स्थिति में बेहतर अध्यापन संभव है? मिश्र ने आगे कहा कि महागठबंधन सरकार शिक्षकों के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार कर रही है। तुगलकी फरमान जारी किया गया है कि शिक्षक मीडिया से दूर रहें और कोई संघ या संगठन ने बनाएं। यह तो मानसिक प्रताड़ना की हद है। ऐसे फरमान से पता चलता है कि सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए किसी हद तक जा सकती है। अपनी बात रखने का अधिकार सभी को होता है। एक कैदी को भी उसका अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाता है। फिर, शिक्षकों के लिए यह तुगलकी फरमान क्यों जारी किया गया। सरकार को डर है कि कहीं उसकी प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षक ख़िलाफत न कर दें, इसलिए सरकार ने शिक्षकों को एकजुट होने से रोकने के लिए संघ या संगठन बनाने से मनाही की है। मिश्र ने आगे कहा कि यह सब चलनेवाला नहीं है। जिस भाजपा के कड़े विरोध के बाद हिंदू पर्व-त्योहारों पर स्कूल की छुट्टियों में की गयी कटौती को सरकार को वापस लेना पड़ा। वैसे ही सरकार के इस नये तुगलकी फरमान को भाजपा वापस करवा कर ही दम लेगी।

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