October 28, 2025

गया में एएनएमएमसीएच से 6 महीने की बच्ची चोरी, अज्ञात महिला ले गई, वारदात सीसीटीवी में कैद

गया। जिले के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एएनएमएमसीएच) में बुधवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी। अस्पताल परिसर से एक छह माह की मासूम बच्ची को एक अज्ञात महिला गोद में लेकर फरार हो गई। पूरी वारदात अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल परिजनों को सदमे में डाल दिया है, बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इलाज कराने आई थी मां, हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, गया जिले के परैया थाना क्षेत्र के पुनकला गांव निवासी सुदर्शन दास अपनी पत्नी खुशबू कुमारी और छह माह की बच्ची के साथ इलाज कराने एएनएमएमसीएच पहुंचे थे। खुशबू कुमारी बीमार थीं और डॉक्टर को दिखाने के लिए ओपीडी के अंदर चली गईं। इस दौरान बच्ची उसके पिता सुदर्शन की गोद में थी। तभी वहां एक अज्ञात महिला आई और सुदर्शन से बातचीत करने लगी। उसने बच्ची के साथ खेलना शुरू किया, जिससे मासूम भी हंसने लगी।
भरोसा बना और हुई वारदात
महिला ने कुछ देर बाद सुदर्शन से कहा कि वह बच्ची को गोद में ले सकती है। सुदर्शन ने सहजता से बच्ची को उस महिला की गोद में दे दिया और खुद मोबाइल देखने में व्यस्त हो गया। मौके का फायदा उठाते हुए वह महिला बच्ची को लेकर अस्पताल से बाहर निकल गई। सुदर्शन को कुछ पता नहीं चला। कुछ देर बाद जब खुशबू डॉक्टर को दिखाकर लौटी और बच्ची के बारे में पूछा, तो पति के होश उड़ गए। दोनों ने पूरे परिसर में बच्ची और महिला को खोजा, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
सूचना पर हरकत में आई पुलिस
घबराए दंपती ने तत्काल अस्पताल प्रशासन और स्थानीय पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मगध मेडिकल थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो उसमें साफ दिखा कि एक महिला बच्ची को गोद में उठाकर अस्पताल परिसर से बाहर निकल रही है। इसके बाद पुलिस ने उस महिला की पहचान के लिए विशेष टीम गठित की है और शहर के कई इलाकों में छापेमारी की जा रही है।
अस्पताल परिसर में थाना और गार्ड के बावजूद चोरी
यह घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि एएनएमएमसीएच परिसर में ही थाना स्थित है और अस्पताल में दिन-रात कई सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। इसके बावजूद अज्ञात महिला ने इतनी सहजता से बच्ची को उठा लिया और बाहर निकल गई। यह लापरवाही अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
परिजनों का दर्द और अपील
मां खुशबू कुमारी ने बताया कि उन्हें सिर में तेज दर्द था, इसलिए डॉक्टर को दिखाने गई थीं। वापस आने में मुश्किल से दस मिनट लगे थे, लेकिन इतने समय में ही बच्ची गायब हो गई। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी का जन्म भी इसी अस्पताल में छह महीने पहले हुआ था। पति सुदर्शन दास मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। दोनों ने पुलिस से गुहार लगाई है कि उनकी बच्ची को किसी भी हाल में सुरक्षित वापस लाया जाए।
पुलिस की जांच और अब तक की कार्रवाई
मगध मेडिकल थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में जिला पुलिस की विशेष टीम और तकनीकी टीम को लगाया गया है। आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से महिला की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही महिला की पहचान सामने आएगी, बच्ची को सुरक्षित बरामद कर लिया जाएगा।
पिछली घटनाओं से नहीं ली गई सीख
यह पहली बार नहीं है जब एएनएमएमसीएच से किसी मासूम के चोरी होने की खबर आई हो। 2019 में भी इसी अस्पताल से एक नवजात को एक महिला ने महिला वार्ड से चुरा लिया था। बाद में पुलिस की सक्रियता के कारण बच्चा सुरक्षित बरामद हुआ था। उस समय बच्चा चुराने वाली महिला ने उसे किसी दूसरी महिला को सौंप दिया था, जिसने पुलिस दबाव में दैनिक भास्कर कार्यालय के बाहर बच्चे को छोड़ दिया था।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
लगातार हो रही ऐसी घटनाएं अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हैं। अस्पताल परिसर में पर्याप्त गार्ड तैनात होने और थाना मौजूद रहने के बावजूद किसी बाहरी व्यक्ति का बेखौफ आना-जाना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि अस्पताल में निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। गया के एएनएमएमसीएच अस्पताल से छह माह की बच्ची की चोरी की यह घटना मानवता को झकझोर देने वाली है। जिस स्थान पर मरीजों को इलाज और सुरक्षा की उम्मीद होती है, वहीं से मासूम को उठा ले जाना प्रशासन की बड़ी विफलता है। पुलिस अब सीसीटीवी और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपहरणकर्ता महिला की तलाश में जुटी है, लेकिन सवाल यह भी है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन ऐसी घटनाओं से कब सबक लेगा। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज और व्यवस्था दोनों के लिए चेतावनी भी है कि सुरक्षा और सतर्कता में किसी भी प्रकार की चूक मासूम जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है।

You may have missed