October 28, 2025

बिहार के चार अपराधियों का दिल्ली में एनकाउंटर, क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस ने किया ज्वाइंट ऑपरेशन, दोनों तरफ से हुई फायरिंग

नई दिल्ली/पटना। दिल्ली में बुधवार की देर रात एक बड़ा एनकाउंटर हुआ, जिसमें चार कुख्यात अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया। इनमें से तीन अपराधी बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले थे। यह कार्रवाई दिल्ली क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के तहत की गई। बताया जा रहा है कि ये अपराधी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में दहशत फैलाने की साजिश रच रहे थे। पुलिस को इनकी लंबे समय से तलाश थी और अंततः दिल्ली में इन्हें ढेर कर दिया गया।
मुठभेड़ की रात: दिल्ली की सड़कों पर गूंजी गोलियां
यह एनकाउंटर बुधवार की रात करीब 2:20 बजे हुआ। पुलिस और अपराधियों के बीच यह मुठभेड़ दिल्ली के बहादुर शाह मार्ग पर डॉक्टर अंबेडकर चौक से लेकर पंसाली चौक तक चली। ऑपरेशन के दौरान दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई। पुलिस के मुताबिक, अपराधी बेहद खतरनाक थे और उनके पास अत्याधुनिक हथियार मौजूद थे। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बताया कि इस मुठभेड़ में चारों बदमाश—रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21)—गंभीर रूप से घायल हुए थे। इन्हें तुरंत रोहिणी स्थित डॉ. बी.एस.ए. अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।
बिहार से दिल्ली तक फैला अपराध का नेटवर्क
एनकाउंटर में मारा गया रंजन पाठक ‘सिग्मा एंड कंपनी’ नामक गिरोह का सरगना था। यह गैंग बिहार से लेकर नेपाल तक सक्रिय था और हत्या, लूट, रंगदारी तथा हथियार तस्करी जैसी वारदातों में लिप्त था। इस गिरोह के सदस्य बिहार के विभिन्न जिलों में कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। रंजन पाठक के खिलाफ सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर जिलों में कई मामले दर्ज थे। बताया जाता है कि उसने सीतामढ़ी में एक कारोबारी की हत्या के बाद खुद का ‘बायोडाटा’ मीडिया को भेजा था, जिसमें उसने अपने अपराधों का विवरण दिया था। उसकी यह हरकत उसे चर्चा में ले आई थी और पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी।
अपराधियों की तलाश और पुलिस को मिले सुराग
दिल्ली पुलिस को कुछ दिनों पहले इन अपराधियों के दिल्ली में छिपे होने की जानकारी मिली थी। बिहार पुलिस से साझा इनपुट के आधार पर दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन की तैयारी की। देर रात जब पुलिस ने संदिग्ध वाहनों की चेकिंग शुरू की, तब ये अपराधी भागने लगे। पुलिस ने तुरंत पीछा किया और बहादुर शाह मार्ग पर घेराबंदी की। अपराधियों ने आत्मसमर्पण के बजाय फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। करीब 20 मिनट तक दोनों ओर से गोलियां चलती रहीं, जिसके बाद सभी चार अपराधी ढेर हो गए।
घायल पुलिसकर्मी और सुरक्षा की चुनौतियाँ
इस एनकाउंटर में पुलिस के भी चार जवानों को चोटें आई हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अरविंद, सब-इंस्पेक्टर मनीष, सब-इंस्पेक्टर नवीन और एक अन्य जवान की बुलेटप्रूफ जैकेट में गोलियां लगीं। हालांकि, सभी जवान खतरे से बाहर हैं। पुलिस का कहना है कि अपराधियों के पास ऑटोमैटिक हथियार थे और वे किसी बड़े आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और संचार उपकरण बरामद किए हैं। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह के कुछ अन्य सदस्य अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में बिहार और दिल्ली-एनसीआर में छापेमारी कर रही हैं।
अपराधियों की मंशा और राजनीतिक पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार, मारे गए अपराधी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में भय का माहौल बनाने की योजना बना रहे थे। वे राजनीतिक विरोधियों और स्थानीय व्यापारियों को निशाना बनाकर बिहार में फिर से अपना नेटवर्क सक्रिय करना चाहते थे। बिहार पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि इन अपराधियों का संबंध कई पुराने गैंग्स से रहा है, जो चुनावों के समय रंगदारी वसूली और अपराध के माध्यम से अपना वर्चस्व कायम करते थे। दिल्ली में इनकी मौजूदगी इस बात का संकेत थी कि यह गिरोह राज्य से बाहर भी अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश में था।
पुलिस की रणनीति और ऑपरेशन की सफलता
दिल्ली और बिहार पुलिस के बीच समन्वय के कारण यह ऑपरेशन सफल हो सका। बिहार पुलिस ने अपराधियों के मूवमेंट की सटीक जानकारी साझा की, वहीं दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें घेर लिया। दोनों राज्यों की पुलिस की इस साझी कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया ताकि किसी अन्य सहयोगी को भागने का मौका न मिले। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से सबूत इकट्ठे किए हैं और हथियारों की जांच की जा रही है।
अपराध पर सख्त पुलिस कार्रवाई
दिल्ली में हुआ यह एनकाउंटर एक बार फिर यह साबित करता है कि बिहार और दिल्ली पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ कितनी सतर्क है। मारे गए अपराधी लंबे समय से पुलिस की ‘वांटेड लिस्ट’ में थे और उनका अंत पुलिस के दृढ़ संकल्प और सटीक खुफिया जानकारी की वजह से हुआ। इस संयुक्त ऑपरेशन से न केवल दिल्ली बल्कि बिहार में भी कानून-व्यवस्था पर सकारात्मक संदेश गया है कि अपराध चाहे कहीं भी हो, पुलिस उसका पीछा करेगी। फिलहाल पुलिस अब इस मामले से जुड़े अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी है, ताकि ‘सिग्मा एंड कंपनी’ नामक गिरोह का नेटवर्क पूरी तरह खत्म किया जा सके।

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