एम्स पटना में रेडिएशन आयोडीन वार्ड का शिलान्यास, थायराइड कैंसर के मरीजों को नहीं जाना होगा इलाज के लिए बाहर

फुलवारी शरीफ। एम्स पटना में निदेशक प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह द्वारा नाभिकीय चिकित्सा विभाग के प्रसार हेतु एम्स परिसर में नई जगह का भूमि पूजन और शिलान्यास किया गया।
ज्ञात हो कि एआईआरबी, मुंबई से स्वीकृत एम्स पटना के नाभिकीय चिकित्सा विभाग में स्पेशल रेडिएशन एक्टिव आयोडीन चिकित्सा वार्ड नहीं है। इस कारण थायराइड कैंसर के मरीजों को बिना प्रदेश के बाहर गए एम्स पटना में यह सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निदेशक प्रो. डॉ. प्रभात कुमार सिंह और विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार के नेतृत्व में एम्स परिसर में नई जगह ढूंढी गई।
मुंबई के बीएआरसी (बार्क), आरएमसीएनएक्स, टाटा मेमोरियल अस्पताल और जसलोक हॉस्पिटल में सेवा दे चुके विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार ने इस पहल को बिहार के थायराइड कैंसर के मरीजों के लिए बहुत बड़ी सेवा बताया और यह सुविधा एम्स पटना के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। इतना ही नहीं, इस नए रेडिएशन आयोडीन वार्ड के स्पेशल कक्षों में मेटास्टेटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का रेडियो सक्रिय ल्यूटेसियम, एक्टिनियम डोटाटेट द्वारा चिकित्सा की जाएगी। बच्चों में होने वाले न्यूरोब्लास्टोमा का भी इलाज रेडियो सक्रिय आयोडीन एमआईबीजी द्वारा की जाएगी।
एम्स पटना के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि चिकित्सक के अभाव में इस विभाग से मिलने वाली सुविधाओं से प्रदेश के मरीज वंचित थे पर अब आने वाले समय में मुंबई, दिल्ली आदि बड़े शहरों में नाभिकीय चिकित्सा की सुविधाओं के लिए मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कल थायराइड क्लीनिक (न्यूक्लियर मेडिसिन) का भी उद्घाटन किया गया, जल्द ही गामा कैमरा से भी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी। मौके पर डॉ. संजीव कुमार, डॉ. संजय कुमार पांडे और सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर वीके सिंह के साथ विभाग के आरएसओ मनीष कुमार मौजूद रहे।

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