प्रदेश में 25 जुलाई तक जमा होंगे वोटर लिस्ट अपडेट के फॉर्म, 11 दस्तावेज अनिवार्य, युद्धस्तर पर जारी अपलोडिंग का काम

पटना। बिहार में आगामी चुनावों की तैयारियों को लेकर इस समय पूरे प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का काम तेज़ी से चल रहा है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता सूची से कोई भी योग्य मतदाता वंचित न रहे और किसी तरह की दोहराव या गलती की संभावना भी न हो। इस क्रम में अब तक राज्यभर में 80.11 फीसदी से अधिक गणना फॉर्म जमा किए जा चुके हैं। इसके अलावा इन फॉर्मों की डिजिटल अपलोडिंग का काम भी युद्धस्तर पर किया जा रहा है ताकि अंतिम मतदाता सूची को समय पर तैयार किया जा सके।
25 जुलाई तक फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि
फिलहाल जिन मतदाताओं ने अब तक अपने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं, उन्हें 25 जुलाई तक गणना फॉर्म जमा करने की अनुमति दी गई है। इसके बाद प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। प्रारूप सूची में जिन मतदाताओं का नाम दर्ज होगा, उन्हें बाद में अपने जरूरी दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। यह प्रक्रिया मतदाता सूची को दुरुस्त और सही बनाने के लिए बेहद जरूरी मानी जा रही है।
11 दस्तावेज अनिवार्य किए गए
चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए 11 प्रकार के दस्तावेज निर्धारित किए हैं, जिनमें से संबंधित व्यक्ति को मान्य दस्तावेज देना अनिवार्य होगा। इन दस्तावेजों में जन्मतिथि और निवास प्रमाणपत्र का होना अनिवार्य है। खासतौर पर 1987 से पहले जन्मे मतदाताओं को अपने जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज देना जरूरी किया गया है। अन्य मतदाताओं को भी आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्धारित कागजात देने होंगे। इससे मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
बूथ लेवल अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका
पूरे अभियान में बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। बीएलओ हर क्षेत्र के घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं और उनसे आवश्यक जानकारी और दस्तावेज एकत्र कर रहे हैं। इसके बाद यही बीएलओ दस्तावेजों को ईसीआई नेट पर अपलोड भी करेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी मतदाता बिना दस्तावेज या अपूर्ण जानकारी के मतदाता सूची में न रह जाए।
प्रारूप सूची का प्रकाशन और दस्तावेज संग्रहण
25 जुलाई तक जमा किए गए सभी गणना फॉर्मों की अपलोडिंग पूरी होने के बाद प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। प्रारूप सूची में मतदाताओं को नाम, पता आदि की जांच करने का अवसर दिया जाएगा ताकि अगर कोई गलती या त्रुटि हो तो उसे समय रहते सुधारा जा सके। इसके बाद अगस्त माह में दस्तावेज संग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। सभी योग्य मतदाता अपने दस्तावेज जमा कर अंतिम सूची में अपना नाम सुनिश्चित करेंगे।
पारदर्शिता और शुद्धता पर जोर
चुनाव आयोग का यह अभियान मतदाता सूची में पारदर्शिता और शुद्धता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में मतदाता सूची में फर्जी नाम, दोहराव या गलत जानकारी के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान हर मतदाता के अधिकार की रक्षा करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सिर्फ सही व्यक्ति ही मतदान कर सके।
चुनाव आयोग की अपील
चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे समय रहते गणना फॉर्म जमा कर दें और निर्धारित तिथि तक अपने दस्तावेज भी तैयार रखें ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। आयोग ने साफ किया है कि अगर किसी मतदाता ने दस्तावेज जमा नहीं किए तो उसका नाम अंतिम सूची में शामिल करना संभव नहीं होगा। इसलिए हर मतदाता से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे बूथ लेवल अधिकारी के संपर्क में रहें और अपनी जानकारी समय पर अपडेट करवाएं। इस पूरी प्रक्रिया से आने वाले चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराए जा सकेंगे और लोकतंत्र की मजबूती सुनिश्चित होगी।

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