पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, दिल्ली में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, बेटी ने दी मुखाग्नि

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को सेना की तोपगाड़ी पर निगमबोध घाट लाया गया, जहां तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। उनकी बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने मुखाग्नि दी और परिवार के अन्य सदस्य, जिसमें उनकी पत्नी गुरशरण कौर और अन्य बेटियां दमन सिंह और अमृत सिंह शामिल थीं, अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी भी निगमबोध घाट पर उपस्थित थे। डॉ. सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में नेता और जनता शामिल हुए। डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पहनाई गई। यह रंग उनके लिए विशेष था, जिसे उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को समर्पित करते हुए अपने जीवन का सिग्नेचर कलर बना लिया था। यह पगड़ी उनकी पहचान और व्यक्तित्व का हिस्सा थी, जिसे वे हमेशा गर्व के साथ पहनते थे। सुबह 9:30 बजे डॉ. सिंह की पार्थिव देह को उनके सरकारी आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, जिसमें राहुल गांधी उनके साथ गाड़ी में मौजूद रहे। यात्रा निगमबोध घाट पर समाप्त हुई, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी की गईं। डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ। लंबे समय से बीमार चल रहे डॉ. सिंह को घर पर बेहोशी की हालत में पाए जाने के बाद एम्स लाया गया था। रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश ने एक महान अर्थशास्त्री, ईमानदार नेता, और संवेदनशील व्यक्तित्व को खो दिया। डॉ. सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री थे और 2004 से 2014 तक उन्होंने देश का नेतृत्व किया। एक कुशल अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता के रूप में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी सरलता और निष्ठा ने उन्हें हर वर्ग का प्रिय बनाया। डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी विदाई ने देशवासियों को एक ऐसे नेता को श्रद्धांजलि देने का मौका दिया, जिसने अपने जीवन को सेवा, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए समर्पित किया। उनकी सादगी और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।
