10 मई को बिहार दौरे पर आएंगे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम, सैदपुर हॉस्टल के छात्रों से बातचीत करेंगे भूपेश बघेल

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। एक के बाद एक बड़े नेताओं के दौरे यह संकेत दे रहे हैं कि कांग्रेस इस बार चुनावी मैदान में पूरी तैयारी से उतरना चाहती है। इसी कड़ी में 10 मई को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल पटना का दौरा करेंगे।
पटेल हॉस्टल में छात्रों से मुलाकात
अपने दौरे के दौरान भूपेश बघेल पटना के सैदपुर स्थित पटेल हॉस्टल जाएंगे। यहां वे छात्रों से मुलाकात करेंगे और उनके साथ संवाद करेंगे। यह हॉस्टल विशेष रूप से कुर्मी और कुशवाहा जाति के छात्रों के लिए जाना जाता है। चूंकि भूपेश बघेल स्वयं कुर्मी समाज से आते हैं, ऐसे में उनका यह दौरा सामाजिक और राजनीतिक दोनों दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है। बघेल छात्रों की समस्याएं सुनेंगे और उनसे जुड़ी मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
समाज के लोगों से भी करेंगे मुलाकात
छात्रों से बातचीत के साथ-साथ भूपेश बघेल अपने समाज के अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे। यह बैठकें समाज के भीतर कांग्रेस के जनाधार को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास माना जा रहा है।
रणदीप सुरजेवाला का हमला, जातिगत जनगणना पर सवाल
भूपेश बघेल से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला भी पटना पहुंचे थे। उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को आड़े हाथों लिया। सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी की नीयत जातिगत जनगणना को लेकर स्पष्ट नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही जनगणना की बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसकी कोई स्पष्ट रूपरेखा सामने नहीं आई है, जिससे शक की गुंजाइश बनी हुई है।
राहुल गांधी और खड़गे भी कर चुके हैं बिहार का दौरा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी हाल के दिनों में बिहार के दौरे पर आ चुके हैं। खड़गे ने 20 अप्रैल को बक्सर में जय बापू-जय भीम-जय संविधान कार्यक्रम को संबोधित किया था। इससे पहले 7 अप्रैल को राहुल गांधी ने बिहार में दो प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लिया था। उन्होंने पहले बेगूसराय में “पलायन रोको, नौकरी दो” यात्रा में हिस्सा लिया और बाद में पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में लोगों को संबोधित किया।
राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश
कांग्रेस का यह लगातार अभियान दर्शाता है कि पार्टी राज्य में जातीय समीकरणों और सामाजिक आधार को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बना रही है। भूपेश बघेल का दौरा न सिर्फ कुर्मी समुदाय को साधने की कोशिश है, बल्कि युवाओं के बीच कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने का भी प्रयास है। छात्रों के बीच जाकर संवाद करना कांग्रेस की “ग्रासरूट कनेक्ट” नीति का हिस्सा माना जा रहा है। कुल मिलाकर कांग्रेस के यह दौरे यह संकेत दे रहे हैं कि वह बिहार को एक गंभीर चुनावी रणभूमि के रूप में देख रही है और समय रहते अपने सामाजिक और राजनीतिक समीकरण साधने में जुट गई है। क्या आप चाहेंगे कि मैं इस विषय पर एक सोशल मीडिया पोस्ट का ड्राफ्ट भी तैयार करूं?

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