राजा रघुवंशी मर्डर केस: राजा की बहन पर असम में एफआईआर, वीडियो में किया था नरबलि का दावा

इंदौर। राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नई कड़ी जुड़ गई है। असम पुलिस ने इस मामले में राजा की मौसेरी बहन सृष्टि रघुवंशी के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। दरअसल, सृष्टि द्वारा एक वायरल वीडियो में दावा किया गया था कि राजा की हत्या असम में नरबलि के तहत की गई है। इस बयान को लेकर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया है।
पुराने वीडियो बना विवाद का कारण
सृष्टि रघुवंशी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं और राजा के लापता होने के बाद से ही वह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से मदद की अपील कर रही थीं। इसी क्रम में उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि राजा की हत्या नरबलि के तहत हुई है और इसमें असम का जिक्र किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे कामाख्या मंदिर और वहां की धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठे।
धार्मिक भावनाओं के आहत होने का आरोप
कामाख्या मंदिर के पुजारी सरू डोलोई हिमाद्रि ने सृष्टि के बयान को क्षेत्रीय तनाव और धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला बताया है। उनका कहना है कि जब भी असम में कोई हत्या होती है, तो मानव बलि से जोड़कर कामाख्या मंदिर को बदनाम करने की कोशिश की जाती है, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर में मानव बलि जैसी कोई प्रथा नहीं है और यह सिर्फ मंदिर की छवि धूमिल करने की कोशिश है।
कानूनी कार्रवाई और परिवार की सफाई
असम पुलिस ने सृष्टि के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 196(2), 299 और 302 के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि, सृष्टि ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है कि उन्होंने यह बयान भावुकता में आकर दिया था और उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं था। उन्होंने सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी है। वहीं, राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने भी कहा कि सृष्टि ने गलती स्वीकार कर ली है और अगर जरूरत पड़ी तो वे असम जाकर अपनी बात स्पष्ट करेंगे।
राजा की हत्या और परिजनों की शंका
गौरतलब है कि राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम 21 मई को हनीमून के लिए मेघालय गए थे। 23 मई को राजा नोंगरियाट गांव से लापता हो गए और 2 जून को उनका क्षत-विक्षत शव मिला। सोनम 9 जून को गाजीपुर में मिली और गिरफ्तार की गई। इस दौरान राजा की मां उमा और भाई विपिन ने भी नरबलि की आशंका जताई थी। उनका मानना है कि सोनम ने किसी तांत्रिक क्रिया के तहत राजा की बलि दी है। राजा की मां ने यह भी आरोप लगाया कि परिवार पर वशीकरण का प्रभाव डाला गया था और अब उन्हें सच का एहसास हो रहा है।
कामाख्या मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया
कामाख्या मंदिर के पुजारी ने इस विवाद पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के आरोप मंदिर और यहां की धार्मिक मान्यताओं पर गलत प्रभाव डालते हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि ऐसे मामलों में सख्त नियम बनाए जाएं ताकि भविष्य में कोई भी प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल पर इस तरह के आरोप न लगा सके। राजा रघुवंशी की हत्या ने जहां एक ओर गहरी संवेदनाएं और शोक उत्पन्न किया, वहीं दूसरी ओर अब यह मामला धार्मिक और सामाजिक विवाद की दिशा में भी बढ़ रहा है। सृष्टि रघुवंशी का भावनात्मक बयान जहां लोगों की संवेदना का प्रतीक था, वहीं अब कानूनी और धार्मिक विवाद का कारण बन गया है। इस पूरे प्रकरण में जांच एजेंसियों की निष्पक्षता और सटीकता बेहद जरूरी हो गई है ताकि सच्चाई सामने आ सके और किसी धर्म या व्यक्ति को बिना वजह दोषी न ठहराया जाए।
