खेमका हत्याकांड में हथियार देने वाले अपराधी का एनकाउंटर, पुलिस ने ईट-भट्ठे पर मार गिराया, आरोपी ने की थी फायरिंग

पटना। बिहार की राजधानी पटना में व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या से जुड़े मामले में पुलिस ने मंगलवार तड़के बड़ी कार्रवाई की। पटना सिटी इलाके में विकास उर्फ राजा नामक अपराधी का एनकाउंटर कर दिया गया। पुलिस की एक टीम उससे पूछताछ के उद्देश्य से पहुंची थी, लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे मार गिराया। घटनास्थल से एक पिस्टल, कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया है।
घटना स्थल पर आला अधिकारी पहुंचे
एनकाउंटर की सूचना मिलते ही पटना सिटी के एसडीपीओ-2, एसपी और एसएसपी घटनास्थल पर पहुंचे। मृतक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया। विकास उर्फ राजा पटना सिटी के मालसलामी थाना क्षेत्र का रहने वाला था और उसका अपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है।
खेमका हत्याकांड से संबंध की पुष्टि नहीं
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि विकास का खेमका हत्याकांड से सीधा संबंध अब तक नहीं मिला है, लेकिन वह इस केस में शूटर उमेश यादव को हथियार उपलब्ध कराने में संदिग्ध था। पुलिस सूत्रों के अनुसार विकास कई संगीन मामलों में पहले से वांछित था और हत्याओं में उसका नाम आ चुका था। वह एक प्रशिक्षित शूटर भी था।
शूटर उमेश की गिरफ्तारी और खुलासे
इससे एक दिन पहले, सोमवार को पुलिस ने खेमका हत्याकांड के मुख्य शूटर उमेश उर्फ विजय को भी गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी भी मालसलामी इलाके से ही हुई थी। पूछताछ में उमेश ने खुलासा किया कि उसे गोपाल खेमका की हत्या के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी मिली थी, जिसमें से एक लाख एडवांस दिया गया था। उमेश ने हत्या के बाद घर में छिपकर रहना शुरू कर दिया था। उसकी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसके पास से हत्या में प्रयुक्त बाइक, पिस्टल, 80 कारतूस, दो मोबाइल और एक लाख रुपये नकद बरामद किए।
घटना से पहले की तैयारी और पुलिस कार्रवाई
हत्या से पहले उमेश ने बाइक से नंबर प्लेट हटा दी थी ताकि उसकी पहचान न हो सके। लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को डिवेलप कर उसकी पहचान कर ली। इसके बाद उसे पकड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर कोतवाली थाना क्षेत्र के उदयगिरी अपार्टमेंट में भी छापेमारी की गई, जहां से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
राजनीतिक कनेक्शन की जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार उमेश का संपर्क एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) से भी था। इस कोण से भी जांच की जा रही है कि क्या हत्या में कोई राजनीतिक संरक्षण मिला था। पुलिस इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए तफ्तीश में जुटी है।
हत्या की पूरी घटना
गोपाल खेमका की हत्या 4 जुलाई की रात उस वक्त हुई थी जब वे खुद अपनी गाड़ी चलाकर बांकीपुर क्लब से घर लौट रहे थे। रामगुलाम चौक स्थित अपने अपार्टमेंट के पास जैसे ही वे रुके, एक बाइक सवार अपराधी ने उन्हें सिर में गोली मार दी। आनन-फानन में परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पटना पुलिस की त्वरित कार्रवाई से खेमका हत्याकांड की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। शूटर की गिरफ्तारी और हथियार सप्लायर के एनकाउंटर से मामला गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। अब यह देखना अहम होगा कि सुपारी देने वालों और पूरे षड्यंत्र में शामिल अन्य लोगों तक पुलिस कब तक पहुंच पाती है। इस हत्याकांड ने बिहार की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है।
