पटना में 8 सूत्री मांगों को लेकर निगम कर्मियों ने किया प्रदर्शन

पटना। बड़ी खबर पटना से आ रही है। बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी गर्दनीबाग के पास 8 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया है। जिनका समर्थन बिहार के विभिन्न स्थानीय निकायों, पटना नगर निगम सहित कर्मियों ने दिया। जिनमे दैनिक कर्मियों को नियमित करने, आउटसोर्स प्रथा खत्म करने, आउटसोर्स चालकों को पूर्व का वेतन देने और सबको 26 दिन का काम की गारंटी देने, ठिका प्रथा को समाप्त करने, सभी निकाय कर्मियों को समान रूप से सप्तम वेतनमान देने, अनुकंपा अभ्यर्थियों को नियुक्त करने और सेवानिवृत्त कर्मियों को उनके बकाये राशि का भुगतान करने आदि जैसे मुद्दों को लेकर यह प्रदर्शन किया गया। वही गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी ने कहा मैंने 40 साल तक गया में झाड़ू लगाया और अब मैं डिप्टी मेयर बन गई हूँ। मैं देख रही हूँ की पूरा कर्मचारी भूखे मर रहा है। उन्होंने कहा की 8-10 हज़ार वेतन मिलता है। उसमें से सब क्या खाएगा और क्या अपने बाल-बच्चा को खिलाएगा। पब्लिक लोग नाली को गन्दा करते है और ये कर्मचारी उसे साफ़ करते हैं। ऐसे लोगों का वेतन इतना कम है। नीतीश कुमार ज़रा निगम के कर्मचारी पर ध्यान दें, नहीं तो हमलोग बाल बच्चा को लेकर उनके दरवाज़े पर मर जाएंगे।

वही इस मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि बिहार के विभिन्न नगर निकाय, नगर पार्षद, नगर पंचायत में काम करने वाले दैनिक मजदूरों की सेवा को नियमित करने की हमारी मांग है। ये सफाई मजदूर जो स्वच्छता दूत के रूप में जाने जाते हैं और लोगों को स्वच्छ वातावरण समर्पित करते हैं, वैसे मजदूरों को सरकार नियमित नहीं कर रही है इसलिए यह लड़ाई उसके लिए है। हमारी मांग है कि दैनिक मजदूरों की सेवा नियमित हो, आउटसोर्स प्रथा खत्म हो, और पूरे नगर निकायों में समान वेतनमान, पेंशन, आदि लागू हो और अनुकंपा पर बहाली हो। उन्होंने आगे कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली बार हमलोग के हड़ताल पर रोक लगाया था, इसलिए की सरकार हमारी बातों को सुनेगी लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले को सरकार लागू नहीं कर रही है और इसके विरुद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है। ये भी हमारी मांग है कि हाईकोर्ट के निर्णय को सरकार लागू करे और सुप्रीम कोर्ट जो सरकार गई है, उसको सरकार वापस ले।

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