अक्टूबर में होगी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा, तैयारी में चुनाव आयोग, छठ पूजा के बाद हो सकता है मतदान

पटना। बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। चुनावी साल में हर पार्टी ने अपनी कमर कस ली है और अब चुनाव आयोग भी पूरी सक्रियता के साथ तैयारी में जुट गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते की शुरुआत में की जा सकती है। यह चुनाव दो या तीन चरणों में संपन्न कराने की योजना है। आयोग का पूरा प्रयास है कि मतदान की पूरी प्रक्रिया नवंबर महीने में ही पूरी कर ली जाए।
दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद होगी घोषणा
जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग का रुझान यह है कि प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तैयार किया जाए। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद ही बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा संभव है। आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पूजा-पाठ के दौरान चुनावी प्रक्रिया से लोगों की भागीदारी प्रभावित न हो।
छठ पूजा के बाद मतदाता करेंगे मतदान
बिहार का सबसे बड़ा आस्था का पर्व छठ पूजा है। आयोग ने यह तय किया है कि मतदान की तिथियां छठ पूजा के बाद रखी जाएं ताकि लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो और चुनाव में अधिकतम मतदान सुनिश्चित किया जा सके। सूत्रों की मानें तो नवंबर के पहले पखवाड़े में वोटिंग कराई जा सकती है।
15 से 20 नवंबर के बीच होगी मतगणना
मिली जानकारी के मुताबिक, मतगणना की तारीख 15 से 20 नवंबर के बीच तय की जा सकती है। वहीं, 22 नवंबर की डेडलाइन से पहले आयोग चुनाव की पूरी प्रक्रिया समाप्त कर देगा। यह समयसीमा इसलिए तय की गई है ताकि नई विधानसभा का गठन समय रहते किया जा सके और संवैधानिक बाधाएं न आएं।
दो से तीन चरणों में हो सकता है मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो या तीन चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनाव आयोग सुरक्षा व्यवस्था, लॉजिस्टिक प्रबंधन और त्योहारों के बीच संतुलन बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार आयोग मतदान को कम चरणों में संपन्न कराने पर विचार कर रहा है ताकि प्रशासनिक बोझ और सुरक्षा बलों की तैनाती को बेहतर ढंग से संभाला जा सके।
राजनीतिक दलों में बढ़ी सक्रियता
चुनाव की तारीखों को लेकर जो संकेत सामने आए हैं, उनके बाद सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर पार्टी जनता तक अपनी पहुंच बनाने में जुट गई है। गांव-गांव बैठकों का दौर तेज हो गया है और नेता लगातार चुनावी रणनीति को धार देने में लगे हुए हैं।
मतदाताओं की बड़ी भूमिका
बिहार विधानसभा चुनाव हमेशा से देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माने जाते रहे हैं। यहां का जनादेश कई बार राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करता है। छठ पूजा के बाद होने वाले मतदान में बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी की उम्मीद जताई जा रही है। आयोग का भी मानना है कि पर्व-त्योहार के तुरंत बाद जब लोग घरों में मौजूद रहते हैं, तो मतदान प्रतिशत बढ़ने की संभावना अधिक रहती है। कुल मिलाकर बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तस्वीर अब लगभग साफ होती जा रही है। अक्टूबर की शुरुआत में औपचारिक घोषणा, नवंबर के पहले पखवाड़े में मतदान और 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना—इस रोडमैप पर चुनाव आयोग काम कर रहा है। छठ पूजा जैसे आस्था के पर्व को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तिथियां तय करने का फैसला आयोग की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। अब सभी की निगाहें अक्टूबर पर टिकी हैं, जब चुनाव आयोग आधिकारिक रूप से तारीखों का ऐलान करेगा। उसके बाद प्रदेश की राजनीतिक जमीन पर गर्मी और बढ़ना तय है।
