ECR : व्यापारी वर्ग हो रहे हैं लाभान्वित, पहले की तुलना में आधे समय में पहुंच रही हैं सामानें

हाजीपुर। पूर्व मध्य रेल द्वारा 19 एवं 20 जून को क्रमश: 55 एवं 52 किमी प्रतिघंटा से मालगाड़ियों का परिचालन करते हुए दैनिक औसत गति के मामले में भारतीय रेल के सभी 17 क्षेत्रीय रेलों में दूसरा स्थान प्राप्त किया गया। जबकि मासिक दृष्टिकोण से 01 से 20 जून तक मालगाड़ियों की मासिक औसत गति 48 किमी प्रतिघंटा रही।
विदित हो कि पूर्व मध्य रेल का धनबाद मंडल माल लदान के मामले में भारतीय रेल में प्रथम स्थान पर है, जबकि माल लदान के मामले में पूर्व मध्य रेल चौथे स्थान (2019-20) पर रहा। माल परिवहन के दृष्टिकोण से प्रमुख जोन होने के कारण यह उपलब्धि अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है। सिर्फ धनबाद मंडल में प्रतिदिन औसतन 80 रेक कोयले की लोडिंग की जाती है। इसके अलावा खाद्यान्न, पेट्रोलियम उत्पाद आदि सामानों की भी आवाजाही होती है।
माल परिवहन में लगने वाला समय अब लगभग आधा हो गया है, जिससे व्यापारी वर्ग काफी लाभान्वित हो रहे हैं। मालगाड़ी की गति में वृद्धि हो जाने से पहले जहां कोई सामान 24 घंटे में पहुंचता था, वहीं अब यह 24 घंटे के बदले 12 से 14 घंटा में पहुंच रहा है। यह देश के अर्थव्यवस्था के विकास में मददगार सिद्ध होगा। पहले मालगाड़ियों की औसत गति जहां लगभग 20 से 25 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी, वहीं अब यह 50-55 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई है। पिछले दो से तीन वर्षों में रेल अवसंरचना के विकास से जुड़े जो कार्य पूरे किए गए हैं उसका प्रभाव अब मेल-एक्सप्रेस के बाद मालगाड़ियों के परिचालन पर भी दिखने लगा है। इससे परिचालन दक्षता में काफी वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में ट्रैकों के नवीनीकरण, दोहरीकरण, विद्युतीकरण जैसे आधारभूत संरचना के विकास से संबंधित कार्य पूरा करते हुए 12 महत्वपूर्ण रेलखंडों में गतिसीमा में वृद्धि की गई है। इस दौरान 429 किमी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करते हुए नईलाइन, दोहरीकरण एवं आमान परिवर्तन से जुड़े 252 किमी का कार्य भी संपन्न किया गया। आधारभूत संरचना से जुड़े ये कार्य पूरा कर लिए जाने का ही परिणाम है कि मेल-एक्सपे्रस के साथ-साथ मालगाड़ियों की गति सीमा में डेढ़ गुणी से दुगुनी तक की वृद्धि की जा सकी है।
