पटना के मरीन ड्राइव पर ई-रिक्शा परिचालन पर लगी रोक, हादसों के कारण फैसला, उल्लंघन पर कार्रवाई

पटना। प्रसिद्ध मरीन ड्राइव, जिसे जेपी गंगा पथ के नाम से भी जाना जाता है, पर अब ई-रिक्शा का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रशासन ने यह निर्णय हाल के दिनों में बढ़ते हादसों और ई-रिक्शा की धीमी गति के चलते लिया है, जिससे हाईस्पीड वाहनों के साथ टकराव का खतरा बढ़ता जा रहा था। इस रोक से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आने की संभावना है, बल्कि यातायात व्यवस्था में भी बड़ा सुधार अपेक्षित है।
कम गति और ओवरलोडिंग बनी कारण
ई-रिक्शा आमतौर पर धीमी गति से चलती हैं और कई बार निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठा लिया जाता है। इसके चलते गंगा पथ जैसी तेज रफ्तार सड़कों पर ट्रैफिक की लय टूट जाती है और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। प्रशासन का कहना है कि जब सड़क पर वाहनों की औसत गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा हो, वहां धीमी गति वाले ई-रिक्शा का चलना अन्य वाहनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
दो किलोमीटर में बनेगा पार्किंग एरिया
इस मार्ग पर अब करीब दो किलोमीटर लंबी पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी, जिसमें 600 से अधिक वाहनों के लिए स्थान होगा। खास बात यह है कि इस पार्किंग क्षेत्र में शुल्क नहीं लिया जाएगा। पार्किंग का यह क्षेत्र दीघा गोलंबर से लगभग 200 मीटर पूरब की ओर से लेकर कुर्जी तक गंगा की दिशा में विकसित किया जाएगा।
वाहनों की रफ्तार होगी नियंत्रित
इस विशेष पार्किंग क्षेत्र में वाहनों की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। इससे पार्किंग में प्रवेश और निकास करते समय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। पूरब से आने वाले वाहन चालकों को दीघा गोलंबर से घूमकर पार्किंग में प्रवेश करना होगा, जबकि पश्चिम और दक्षिण की ओर से आने वाले सीधे दीघा गोलंबर से पार्किंग क्षेत्र में जा सकेंगे। पार्किंग से बाहर निकलने के बाद, यदि किसी वाहन चालक को पश्चिम की दिशा में जाना हो, तो उसे पहले पूरब की ओर जाकर यू-टर्न लेना होगा।
अव्यवस्थित पार्किंग पर होगी सख्ती
गंगा पथ पर अक्सर लोग परिवार के साथ घूमने आते हैं और अपनी गाड़ियों को जहां-तहां खड़ा कर देते हैं। इससे ट्रैफिक बाधित होता है और कई बार पुलिसकर्मियों से बहस की नौबत भी आ जाती है। अब पार्किंग व्यवस्था के लागू होने से इस तरह की अव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। साथ ही, नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों को जुर्माना भरना पड़ेगा।
शहर के प्रमुख स्थानों को वेंडर फ्री बनाने की योजना
प्रशासन ने पटना के कुछ प्रमुख स्थलों को वेंडर फ्री जोन बनाने का भी निर्णय लिया है। इसमें गांधी मैदान, सिटी सेंटर मॉल, पीएनएम मॉल, चितकोहरा ब्रिज, स्टेशन रोड, जेपी गंगापथ के चिह्नित स्थल, सहदेव महतो मार्ग, अटल पथ, विश्वेश्वरैया भवन के सामने का क्षेत्र और पुराना सचिवालय-इको पार्क इलाका शामिल हैं। अधिकारियों को इन स्थलों को वेंडर फ्री बनाने के लिए ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारु रहे और आमजन को सुविधा मिले।
सुरक्षा और व्यवस्था दोनों पर जोर
ई-रिक्शा प्रतिबंध और नई पार्किंग व्यवस्था को प्रशासन ने जनहित और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया है। इसका उद्देश्य गंगा पथ जैसे पर्यटन और घूमने के लोकप्रिय स्थान को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुगम बनाना है। आने वाले दिनों में अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में इसी तरह की योजनाओं को लागू किया जा सकता है। इस पहल से उम्मीद है कि पटना में सड़कों की स्थिति और यातायात दोनों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। साथ ही, यह कदम शहर को स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है।
