प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि 5 वर्षो तक बढ़ी, पीएम ने कैबिनेट की बैठक में लगाई मोहर

नई दिल्ली/पटना। राजधानी दिल्ली में बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले किए गए। शीतकालीन सत्र से पहले मोदी कैबिनेट की इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट बैठक के दौरान जब उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर चर्चा हुई तो पीएम मोदी भावुक हो गए। बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच साल तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। योजना दिसंबर में खत्म हो रही थी। लेकिन सरकार ने आज इसे 1 जनवरी 2024 से अगले पांच साल तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना से देश के 81 करोड़ लोगों को फ्री अनाज मिलेगा। बता दें कि पीएम मोदी ने कोरोना काल में गरीबों तक सस्ता अन्न पहुंचाने के लिए इस योजना की शुरूआत की थी। मंत्री ने कहा कि इस योजना पर सरकार 11 लाख करोड़ से ज्यादा की धन राशि खर्च करेगी।
लखपति दीदी योजना के जरिए महिलाओं को साधने की कोशिश
इसके अलावा अगले दो सालों में महिला स्वयं सहायता समूहों को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। ड्रोन के जरिए वे खेतों में पेस्टीसाइड का छिड़काव करवाएगी। ताकि उनको भी आमदनी हो सके। मोदी सरकार ने इस योजना को लखपति दीदी नाम दिया है। इतना ही नहीं महिला पायलट को प्रति महीना 15 हजार रुपए वेतनमान भी दिया जाएगा। वहीं को-पायलट को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके मेंटेनेंस के लिए भी 5 हजार रुपए अलग से दिए जाएंगे। रेप और पोस्को मामलों की सुनवाई के लिए बनाई गई फास्ट ट्रैक कोर्ट को जारी रखने की अवधि सरकार ने बढ़ा दी है। अब पूरे देश में 2025-26 तक यह कोर्ट काम करती रहेगी। इसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करेगी।
आदिवासियों के लिए जन-मन योजना की शुरूआत
इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट आज वित्त आयोग के टर्म एंड रेफरेंस कमेटी के गठन को भी मंजूरी दी है। यह कमेटी राज्य और केंद्र के बीच धन के बंटवारे का आकलन करती है। इसके अलावा कैबिनेट ने आज पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान योजना को भी मंजूरी दे दी। इस योजना से 28.16 लाख सामािजक-आर्थिक रूप से पिछड़े आदिवासियों को फायदा होगा। नियमों में बदलाव कर इन योजनाओं का लाभ आदिवासियों तक पहुंचाया जाएगा।

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